इस बार की अमरनाथ यात्रा को दिव्य और भव्य बनाने के लिए जुटी हुई है मोदी सरकार
अमरनाथ यात्रा के बारे में अपूर्व चंद्रा ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में चर्चा हुई कि इस साल अमरनाथ यात्रा पहले से कहीं ज्यादा बड़ी और बेहतर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं पहले के मुकाबले दोगुनी की जायेंगी।
मोदी सरकार इस बार की अमरनाथ यात्रा को भव्य रूप प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस बार यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनने की संभावना है। यात्रा की तैयारियों में कोई कमी न रह जाये इसके लिए केंद्र के अधिकारी जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय बनाये हुए हैं। हम आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया देश भर में शुरू हो चुकी है। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार दक्षिण कश्मीर हिमालयी क्षेत्र की गुफा में स्थित पवित्र शिवलिंग के दर्शन के लिए लगभग आठ लाख तीर्थयात्री आ सकते हैं। इसलिए यात्रियों को हर प्रकार की सुविधा तथा उनकी सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम केंद्र और राज्य प्रशासन की ओर से किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में श्रीनगर में एक बैठक हुई। बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार, जम्मू-कश्मीर क्षेत्रों के संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
दो साल के अंतराल के बाद हो रही अमरनाथ यात्रा के बारे में अपूर्व चंद्रा ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में चर्चा हुई कि इस साल अमरनाथ यात्रा पहले से कहीं ज्यादा बड़ी और बेहतर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं पहले के मुकाबले दोगुनी की जायेंगी।
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हम आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा 43 दिन की है, जो इस वर्ष 30 जून से शुरू होगी। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष यह यात्रा नहीं हुई थी। यह यात्रा दो मार्गों से शुरू होगी। पहला दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के नुनवान से शुरू होने वाला पारंपरिक 48 किलोमीटर मार्ग है जबकि दूसरा है मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले का बालटाल मार्ग। पवित्र गुफा तक पहुंचाने वाला यह मार्ग 14 किलोमीटर लंबा है। सरकार श्रद्धालुओं की कुशल क्षेम की जानकारी रखने के लिए इस वर्ष से रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) प्रणाली भी शुरू करने जा रही है। वार्षिक तीर्थयात्रा का प्रबंधन करने वाले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने अपनी वेबसाइट के अलावा श्रद्धालुओं को पंजीकरण के लिए देश भर में 566 केन्द्र निर्धारित किए हैं। जम्मू क्षेत्र के रामबन जिले में एक यात्री निवास बनाया गया है, जिसमें करीब तीन हजार तीर्थयात्रियों के रहने की व्यवस्था है।
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इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा के शांतिपूर्ण और सुगम संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जाएं। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि डीजीपी ने मध्य कश्मीर में गांदरबल का दौरा किया और जिले में सुरक्षा स्थिति तथा तीर्थयात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। दिलबाग सिंह ने कहा, “सुरक्षा और अन्य चीजों के मद्देनजर सभी प्रकार के कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस मुख्यालय हर तरीके की सहायता मुहैया कराएगा।”
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