फिर शुरू हुआ राहत एवं बचाव कार्य, बादल फटने से 16 की मौत, चट्टानों को हटाकर लापता लोगों की हो रही तलाश
पुलिस एवं एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कई टेंट तथा सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए। जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस त्रासदी के कारण अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गई है तथा उसे बहाल करने का निर्णय राहत एवं बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही लिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से आयी आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए और कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक करीब 40 लोग लापता हैं। हालांकि राहत एवं बचाव कार्य जारी है और लापता लोगों को तलाशा जा रहा है।
पुलिस एवं एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कई टेंट तथा सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए। जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस त्रासदी के कारण अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गई है तथा उसे बहाल करने का निर्णय राहत एवं बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही लिया जाएगा। अमरनाथ यात्रा तीन जून को शुरू हुई थी।
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लापता हैं 40 लोग !
एनडीआरएफ के निदेशक जनरल अतुल करवार ने बताया कि 16 लोगों की मौत की खबर है और 40 के आसपास लोग लापता हैं। रात साढ़े 4 बजे तक रेस्क्यू का काम चला फिर बारिश के कारण राहत एवं बचाव अभियान रोका गया, वापस सुबह 6 बजे से राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया गया।
आईटीबीपी के पीआरओ विवेक कुमार पांडे ने बताया कि पवित्र गुफा से पंजतरणी का 6 किमी का इलाका है। हम लगभग 15,000 लोगों को पंजतरणी में लेकर आए हैं। उन्हें खाना शेल्टर, आदी मुहैया कराया जा रहा है। हमने रात में ही सभी लोगों को रास्ते से बचा लिया था। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन से हमें सूचना मिली है कि करीब 30-40 लोग अभी लापता हो सकते हैं। हमने ITBP, भारतीय सेना, NDRF, SDRF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। गुफा वाले इलाके से हमें कई लापता लोग मिल सकते हैं।
सभी यात्री हैं सुरक्षित
उन्होंने कहा कि यात्रा फिलहाल के लिए रोक दी गई है। लोगों को हम सलाह दे रहे हैं कि वह ऊपर न जाए। सभी यात्री सुरक्षित हैं और चिंता की बात नहीं है। दोपहर बाद काफी हद तक स्थिति सामान्य होने की संभावना है और अगर प्रशासन निर्णय लेगा तो यात्रा फिर से शुरू कर सकते हैं।
खोजी कुत्ते उतारे गए
सुबड़ तड़के 6 बजे राहत एवं बचाव अभियान को फिर से शुरू किया गया। जिसके बाद पत्थरों को हटा-हटाकर लोगों की तलाशा जा रहा है। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में कई लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है और तो और 40 लोग लापता तो हैं ही। ऐसे में खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। अधिकारियों के अनुसार कि शुक्रवार को भारी बारिश के बीच शाम साढ़े पांच बजे बादल फटा तथा पहाड़ की ढलानों से पानी घाटी की ओर बहने लगी। गुफा के स्वचालित मौसम केंद्र के अनुसार साढे चार से साढे छह बजे तक 31 मिलीमीटर बारिश हुई।
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बाल-बाल बचे भाजपा विधायक
तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह अपने परिवार के साथ अमरनाथ यात्रा पर गए हैं। ऐसे में अचानक बादल फटने की घटना में वो और उनका परिवार बाल-बाल बचा है। दरअसल, टी राजा सिंह और उनका परिवार हेलिकॉप्टर से अमरनाथ गए थे लेकिन मौसम बिगड़ने से पहले उन्होंने पहाड़ियों से उतरने के लिए टट्टू का इस्तेमाल किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टी राजा सिंह ने बताया कि मौसम अचानक बिगड़ गया है। ऐसे में हेलिकॉप्टर सेवा भी रद्द कर दी जाएगी, इसलिए हमने टट्टू का उपयोग करके पहाड़ियों पर उतरने का फैसला किया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने पहाड़ियों से करीब एक किमी नीचे बादल फटते हुए देखा। हालांकि विधायक और उनके परिवार की सेना ने मदद की और उन्हें श्रीनगर पहुंचाया।
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