पंजाब चुनाव से पहले राजनीतिक ट्विस्ट, अकाली दल और बसपा के बीच गठबंधन
पंजाब में मायावती कि पार्टी के साथ अकाली दल का गठबंधन काफी मायनों में महत्व रखता है। मायावती के सहारे अकाली दल की नजर दलित वोटों पर है। पंजाब में करीब 33% दलित वोट है।
अगले साल पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में वहां पर राजनीतिक घटनाक्रमों की शुरुआत हो चुकी है। बड़ी खबर यह है कि शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन हो गई है। गठबंधन का ऐलान करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब की राजनीति में यह एक नया दिन है, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव और भविष्य के चुनाव एक साथ लड़ने के लिए साथ आए है। 117 सीटों में से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 20 सीटों पर और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) शेष 97 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
Out of 117 seats, Bahujan Samaj Party (BSP) to contest on 20 seats, and Shiromani Akali Dal (SAD) to contest the remaining 97 seats: Sukhbir Singh Badal, SAD President pic.twitter.com/cXPVZWdVTq
— ANI (@ANI) June 12, 2021
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इससे पहले दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुलाकातों का दौर लगातार जारी था। मामला सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा हुआ था। मायावती और सुखबीर सिंह बादल दोनों एक दूसरे के संपर्क में भी थे। पंजाब में मायावती कि पार्टी के साथ अकाली दल का गठबंधन काफी मायनों में महत्व रखता है। मायावती के सहारे अकाली दल की नजर दलित वोटों पर है। पंजाब में करीब 33% दलित वोट है। इससे पहले अकाली दल ने यह अभी ऐलान कर दिया है कि अगर उसके सरकार बनती है तो उपमुख्यमंत्री दलित वर्ग से बनाया जाएगा।
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आपको बता दें कि अब तक पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा एक साथ चुनाव लड़ती थी। दोनों के बीच गठबंधन को मजबूत माना जाता था। लेकिन कृषि कानूनों को लेकर अकाली दल एनडीए से बाहर हो गई। पंजाब में फिलहाल भाजपा अकेले चुनाव लड़ने की कोशिश में है। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस मजबूत मानी जा रही है और आम आदमी पार्टी से उसे कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है।
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