उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को धरातल पर उतारने की पूरी तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के समय आमजनों को उचित दर पर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने एवं एम्बुलेंस के किराये की दरों में एकरूपता के दृष्टिगत निजी अस्पताल/एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस के किराये की दर को निर्धारित कर दिया है। एम्बुलेंस संचालक द्वारा निर्धारित किराये से अधिक किराया लेने पर एम्बुलेंस का पंजीयन एवं चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा।
कोविड काल (मार्च 2020 से) में अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के जीवन को संवारने के लिए तैयार उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही उसे धरातल पर उतारने में महिला एवं बाल विकास विभाग पूरी मुस्तैदी से जुट गया है। इसके तहत चिन्हित बच्चों की लिस्टिंग समेत पात्रता की शर्तों और जिलों में योजना को अमलीजामा पहनाने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गयी है। इस तत्परता का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण,पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है।
पात्रता की शतें-
महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी तय कर दी गयी है-
-योजना में शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे शामिल किये जायेंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड काल में हो गयी हो या
- माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गयी अथवा दोनों की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी ।
- इसके अलावा शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी हो और वह परिवार का मुख्य कर्ता हो और वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रूपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो, को भी योजना में शामिल किया गया है।
- लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो,
- एक परिवार के सभी (जैविक तथा कानूनी रूप से गोद लिए गए) बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
मनोज कुमार राय का कहना है कि कोविड से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटी-पीसीआर की पाजिटिव टेस्ट रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड-19 का इन्फेक्शन होना माना जा सकता है । इसके अलावा कोविड मरीज की विभिन्न परिस्थितियों में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड जटिलताओं के चलते मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी कोविड की वजह से ही मानी जायेगी।
योजना के तहत मिलने वाला लाभ-
- राय का कहना है कि योजना की श्रेणी में आने वाले शून्य से 10 साल के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में 4000 रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
इसके साथ शर्त यह होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया हो और बच्चे के स्वास्थ्य व पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो।
- इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हों और बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के तहत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गए हों, उनको कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाएगा।
- 11 से 18 साल के बच्चों की कक्षा-12 तक की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को विद्यालयों की तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह 4000 की दर से 12000 रूपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जायेंगे । यह राशि कक्षा-12 तक या 18 साल की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जायेगी।
- यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 साल का होने तक या कक्षा-12 की शिक्षा पूरी होने तक 4000 रूपये की धनराशि दी जायेगी बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।
- योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिए एक लाख एक हजार रूपये दिए जायेंगे।
- श्रेणी में आने वाले कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी । ऐसे बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होंगे।
वैध संरक्षक का चिन्हांकन जनपद स्तरीय टास्क फोर्स करेगी और जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति भी इन बच्चों के समुचित विकास पर नजर रखेगी ।
क्या होगी आवेदन प्रक्रिया-
- जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हांकन के 15 दिन के भीतर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कराई जायेगी
- निर्धारित प्रारूप पूर्ण रूप से भरकर ऑफलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकासध्पंचायत अधिकारी या विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा करना होगा। शहरी क्षेत्रों में लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किये जा सकते हैं ।
माता-पिता/माता या पिता की मृत्यु से दो वर्ष के भीतर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा।
जरूरी दस्तावेज-
- बच्चे एवं अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्ण आवेदन
- माता/पिता दोनों जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाण पत्र
- कोविड-19 से मृत्यु का साक्ष्य
- आय प्रमाण पत्र (माता-पिता दोनों की मृत्यु की स्थिति में जरूरी नहीं)
बच्चे का आयु प्रमाण पत्र
- शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र
- उत्तर प्रदेश का निवासी होने का घोषणा पत्र
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प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में सार्वजनिक शौचालयों एवं दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त शौचालय निर्माण हेतु बीस करोड़ रूपये स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में 5 सीटेड तथा 10 सीटेड सार्वजनिक शौचालयों एवं दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त शौचालय के निर्माण हेतु 2000 लाख रूपये (बीस करोड़ रूपये) की धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस सम्बंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि कराये जाने वाले निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाय। स्वीकृत धनराशि का उपयोग उसी कार्य में किया जाए, जिसके लिए स्वीकृति प्रदान की गयी है।
3 राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यो हेतु रु० 24 करोड़ 99 लाख 52 हजार की धनराशि की गई अवमुक्त
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शाहजहांपुर के 3 राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यो हेतु रु०24 करोड़ 99 लाख 52 हजार की धनराशि अवमुक्त की गई है। इन परियोजनाओं की कुल लागत रु०46 करोड़ 60 लाख 34हजार है ,जिसमें रु०16 करोड़ 15 लाख रुपए की धनराशि का आवंटन पूर्व में ही किया जा चुका है । रु० 24 करोड़ 99 लाख 52 हजार में अनुदान संख्या -58 के तहत 19 करोड़ 69 लाख 37 हजार तथा अनुदान संख्या- 83 के तहत रु०5 करोड़ 30 लाख 15 हजार आवंटित किए गए हैं। जिन राज्य राजमार्गों के चालू कार्य हेतु धन का आवंटन किया गया है, उनमें शाहजहांपुर में पुवायां -निगोही मार्ग का चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण (24 किलोमीटर) बिलग्राम- साण्डी -अल्लाहगंज मार्ग (4.672 किलोमीटर का चैड़ीकरण सुदृढ़ीकरण तथा निगोही- तिलहर मार्ग (22 किलोमीटर) चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के चालू कार्य हैं।
इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में प्रमुख अभियंता( विकास) एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि चालू कार्यो हेतु आवंटित धनराशि का व्यय/उपयोग वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों ज्ञापन तथा बजट मैनुअल एवं वित्तीय हस्तपुस्तिका के नियमों/स्थाई आदेशों आदि का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यों की गुणवत्ता व मानकों का विशेष रुप से ख्याल रखा जाए तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी कार्य अनिवार्य से पूरे कराये जाय।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सीबीएसई की कक्षा 12 की परीक्षा को रद्द करने के निर्णय का किया स्वागत, जताया आभार
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सीबीएसई की कक्षा 12 की परीक्षा को रद्द करने के निर्णय का स्वागत करते हुये उनके प्रति आभार जताया है। कहा कि देश के नौनिहालों और किशोरो,व युवकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को देखते हुए प्रधानमंत्री का फैसला वास्तव में सर्वहितकारी है, जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है। मौर्य ने कहा कि यह निर्णय जहां छात्र -छात्राओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा का लिए हितकर है, वहीं उनके माता-पिता व अभिभावकों के मन में व्याप्त चिंता के निराकरण की दिशा में अनुकूल है।
उन्होंने कहा बच्चे भारत का भविष्य है। युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना हम सबका कर्तव्य है और इस दिशा में सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिए गए हैं, वह बेहद सराहनीय हैं। कोरोना संक्रमण काल और महामारी के दौर मे ऐसा निर्णय लेना समीचीन है और देश की युवा पीढ़ी ,छात्रों शिक्षकों और उनके अभिभावकों के हित में है।
आगामी 04 जून को होगी लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़ एवं झांसी मण्डल की खरीफ उत्पादकता गोष्ठी
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खरीफ अभियान-2021 के अन्तर्गत अधिक फसल उत्पादन की दृष्टि से मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठियों के आयोजन का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के अन्तर्गत लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़ एवं झांसी मण्डल की खरीफ उत्पादकता गोष्ठी आगामी 04 जून को कानपुर में आयोजित की जायेगी। खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन कृषि उत्पादन आयुक्त, आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में किया जा रहा है।
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यह जानकारी विशेष सचिव कृषि, बृजराज सिंह यादव ने देते हुये बताया कि इस सम्बन्ध में कृषि विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। श्री यादव ने बताया कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त मण्डलों में खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। यादव ने बताया कि जारी निर्देश में कहा गया है कि खरीफ गोष्ठी में कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ तथा सीमित संख्या में प्रगतिशील किसानों को भी सम्मिलित किया जाए। सम्बन्धित मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल रहेंगे एवं गोष्ठी में सीमित संख्या में प्रगतिशील किसानों को भी रखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश कृषि रक्षा योजना के अन्तर्गत कीटनाशक औषधियों के क्रय हेतु 10 करोड़ रूपये स्वीकृत
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कृषि रक्षा योजना के अन्तर्गत कीटनाशक औषधियों की खरीद हेतु 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह जानकारी विशेष सचिव, शत्रुन्जय सिंह ने देते हुये बताया कि इस सम्बन्ध में कृषि निदेशक को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। सिंह ने बताया कि कीटनाशक औषधियों की खरीद मद में 35 करोड़ रूपये की धनराशि प्राविधानित है, जिसके सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में 10 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गयी है। उन्होंने बताया कि कृषि निदेशक को निर्देश दिये गये हैं कि धनराशि का आहरण एवं व्यय तभी किया जायेगा, जब यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद योजना के कार्यक्रमों का संचालन अपरिहार्य है।
सिंह ने बताया कि जारी निर्देश में कहा गया है कि योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन के दौरान योजना के दिशा-निर्देश एवं गाइडलाइन्स का अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। सम्भावित व्यय की फेजिंग विभाग के कार्य की प्रकृति एवं अवसर के अनुसार की जाए। जहां तक सम्भव हो, व्यय की फेजिंग वित्तीय वर्ष के लिए प्रतिमाह समान रूप से की जाए।
विशेष प्रवर्तन अभियान के दौरान दिनांक 01 जून 2021 को पकड़े गये 132 अभियोग एवं जब्त की गयी 4,813 ली0 अवैध शराब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों के अनुपालन में चलाये जा रहे विशेषप्रवर्तन अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी की रोकथाम हेतु लगातार दबिश एवं चेकिंग की कार्यवाही की जा रही है। यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि आबकारी, पुलिस एवं प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से चलाये जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के दौरान दिनांक 01 जून 2021 को प्रदेश में 132 अभियोग दर्ज किये गये। जिसमें 4,813 ली. अवैध शराब बरामद की गयी तथा शराब बनाने हेतु तैयार किये गये 12,250 कि.ग्रा. लहन को मौके पर नष्ट किया गया। इसके साथ ही अवैध मदिरा के कार्य में संलिप्त 50 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा 03 वाहनों को जब्त किया गया।
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भूसरेड्डी ने बताया कि अभियान के दौरान जनपद कन्नौज में देशी शराब दुकान तालग्राम बसअड्डा पर अवैध शराब, नकली क्यू0आर0कोड एवं अन्य उपकरण बरामद होने पर दुकान के अनुज्ञापी तथा मौके से गिरफ्तार 02 व्यक्तियों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया। साथ ही दुकान का अनुज्ञापन तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया। जनपद हरदोई में रोड चेकिंग के दौरान एक महिन्द्रा जीप से 1200 शीशी अवैध टिंचर बरामद किया गया। वाहन को कब्जे में लेते हुए थाना बघौली में एफ0आई0आर0 दर्ज कराया गया।
पशु रोग अनुसन्धान तथा निदान एवं सेवाओं के विस्तार हेतु 450.00 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए पशु रोग अनुसन्धान तथा निदान एवं सेवाओं के विस्तार हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में चार करोड़ पचास लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस राज्य योजनान्र्तगत पशुपालकों के पशुओं की चिकित्सा व आवश्यक सुविधाएं हेतु कार्य किये जाते है। इस योजना का उद्देश्य पशुचिकित्सा सेवाओं हेतु औषधि एवं उपकरण की व्यवस्था पशु चिकित्सालय स्तर पर करना है। इससे जहां दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो रही है वहीं पशुपालको के पशु सम्पदा की रक्षा कर आर्थिक हानि से बचाव भी सुनिश्चित हो रहा है।
पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए योजना के उचित क्रियान्वयन हेतु निदेशक, रोग नियंत्रण एव प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गये हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरण व व्यय अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये।
बड़वार झील को गुरसराय नहर से पानी भरने हेतु फीडर कैनाल निर्माण की परियोजना के लिए 10 करोड़ 25 लाख 68 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृति
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद झांसी के बड़वार झील को गुरसराय नहर से भरने हेतु फीडर कैनाल निर्माण की परियोजना हेतु चालू वित्तीय वर्ष में परियोजना के लिए अनुमोदित लागत 4873.74 लाख रूपये के सापेक्ष सम्पूर्ण धनराशि 1025.68 लाख परियोजना के कार्याों पर वहन करने के लिए प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिचांई एवं जल संसाधन विभाग उप्र लखनऊ के निर्वतन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
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सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा इस संबंध में 28 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर पर तकनीकि स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही कार्य प्रारम्भ किया जाए। परियोजना का निर्माण कार्य वित्तीय अनुशासन का कड़ाई से अनुपालन करते हुए निर्धारित समय में पूरा कराया जाये। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि विभाग द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गुरसराय मुख्य नहर से बड़वार झील से पानी उपलब्ध कराये जाने के बाद गुडसराय नहर से कमान क्षेत्र के किसानों को सिंचाई हेतु पानी की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।
नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट एरिया इन डिस्ट्रिक्ट गौतमबुद्धनगर की परियोजना हेतु 930.77 लाख रूपये अवमुक्त
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा द प्रपोज्ड नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट एरिया इन डिस्ट्रिक्ट गौतमबुद्धनगर की परियोजना हेतु 930.77 लाख रूपये की धनराशि परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय हेतु अवमुक्त की गई है। विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद द्वारा इस संबंध में 29 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर पर तकनीकि स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही कार्य प्रारम्भ किया जाए। परियोजना का निर्माण कार्य वित्तीय अनुशासन का कड़ाई से अनुपालन करते हुए निर्धारित समय में पूरा कराया जाये।
नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जनपद गौतमबुद्धनगर के परिसर में स्थित पथवाया नाले की रीच को हटाने की परियोजना हेतु 6 करोड़ 19 लाख रूपये स्वीकृत
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा द प्रपोज्ड नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जनपद गौतमबुद्धनगर के परिसर में स्थित पथवाया नाले रीच को विस्थापित करने की परियोजना हेतु 6 करोड़ 19 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0 लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा इस संबंध में 28 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर पर तकनीकि स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही कार्य प्रारम्भ किया जाए। परियोजना का निर्माण कार्य वित्तीय अनुशासन का कड़ाई से अनुपालन करते हुए निर्धारित समय में पूरा कराया जाये। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि स्वीकृत किए जा रहे कार्य हेतु पूर्व में राज्य सरकार अथवा किसी अन्य स्रोत से धनराशि स्वीकृति नहीं की गई है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश
अध्ययनरत 100 विद्यार्थियों का हुआ कोविड-19 के संक्रमण के मध्य विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में प्लेसमेण्ट
डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव अमित कुमार सिंह ने बताया कि डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में कोविड-19 के भयावह संक्रमण के मध्य भी विश्वविद्यालय के एम0सी0ए0, एम0बी0ए0 एवं बी0टेक विभाग के लगभग 100 विद्यार्थियों का देश के विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में प्लेसमेण्ट हुआ है। जनवरी, 2021 से मई, 2021 तक विश्वविद्यालय में अध्ययनरत् एम0सी0ए0, एम0बी0ए0 एवं बी0टेक विभाग के विद्यार्थियों हेतु आयोजित कैम्पस प्लेसमेण्ट ड्राइव एवं वर्चुअल प्लेसमेण्ट ड्राइव में इन सभी विद्यार्थियों का प्लेसमेण्ट हुआ है। इनमें से 31 विद्यार्थियों का एक से अधिक कम्पनियों में प्लेसमेण्ट हुआ है।
विश्वविद्यालय में अध्ययनरत एम0बी0ए0 विभाग की सुश्री सौम्या अग्रवाल एवं सुश्री एकता कुमारी ने मुम्बई स्थित कम्पनी ‘‘जारो एज्यूकेशन’’ में सबसे अधिक 08.46 लाख रूपये के सालाना पैकेज में प्लेसमेण्ट हुआ है। इसी प्रकार एम0सी0ए0 विभाग के श्री प्रबल गुप्ता को प्लैनेट स्पार्क में 07.60 लाख रूपये के सबसे अधिक सालाना पैकेज तथा बी0टेक विभाग के श्री भानु प्रताप सिंह एवं सुश्री कोमल वर्मा का प्लैनेट स्पार्क में सबसे अधिक 05.90 लाख रूपये के सालाना पैकेज में प्लेसमेण्ट हुआ है।
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जिन प्रतिष्ठित कम्पनियों में विश्वविद्यालय के इन सभी विभागों के विद्यार्थियों का प्लेसमेण्ट हुआ है उनमें लखनऊ की श्री रामस्वरूप डिजिटल टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड, सिंसिस साफ्टवेअर प्राइवेट लिमिटेड, पाई इन्फोकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रूद्रपुर की रोबो स्पाइसीज टेक्नोलॉजीज इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर की सिनोरिक आर एण्ड डी प्राइवेट लिमिटेड, डेल्ही एन0सी0आर0/चेन्नई की के0पी0 रिलायबल टेक्नीक इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड, मुम्बई की जारो एज्यूकेशन, गुडगाँव की अमेक्स इण्डिया कन्सल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, चण्डीगढ़ की स्कोप टेलिकॉम प्राइवेट लिमिटेड, गुडगाँव की प्लैनेट स्पार्क, हैदराबाद की रेडियन्ट अप्लायन्स एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड एवं भगवान ऑटो प्रोडक्ट्स लिमिटेड आदि शामिल हैं।
निजी अस्पताल व सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस के किराये की दर निर्धारित
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के समय आमजनों को उचित दर पर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने एवं एम्बुलेंस के किराये की दरों में एकरूपता के दृष्टिगत निजी अस्पताल/एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस के किराये की दर को निर्धारित कर दिया है। एम्बुलेंस संचालक द्वारा निर्धारित किराये से अधिक किराया लेने पर एम्बुलेंस का पंजीयन एवं चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा। इस संबंध में प्रमुख सचिव, परिवहन श्री राजेश कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि चार श्रेणियों की एम्बुलेंस के किराये का निर्धारण किया गया है। टाइप-ए रोड एम्बुलेंस/मेडिकल फस्र्ट रेस्पाॅडर हेतु प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 500 रुपये एव 10 किलोमीटर के बाद 10 रुपये प्रति किलोमीटर की दर निर्धारित की गई है। टाइप-बी रोड एम्बुलेंस/पेशेंट ट्रान्सपोर्ट एम्बुलेंस (आठ लाख रुपये तक की मारूती ओमनी, टाटा मैजिक, मारूती इको आदि) हेतु प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 1000 रुपये तथा 10 किलोमीटर के बाद 20 रुपये प्रति किलोमीटर देय होगा।
सिंह ने बताया कि इसी प्रकार टाइप-सी रोड एम्बुलेंस/बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (आठ लाख रुपये से अधिक 10 लाख रुपये तक की महिन्द्रा बोलोरो आदि) के लिए प्रथम 10 किलोमीटर का किराया 1500 रुपये तथा इसके बाद 25 रुपये प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है। साथ ही टाइप-डी रोड एम्बुलेंस/एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (10 लाख से अधिक की टाटा विंगर, फोर्स टेªवलर, टाटा 407 आदि) हेतु प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 2000 रुपये एवं इसके बाद 30 रुपये प्रति किलोमीटर देय होगा। उन्होंने बताया कि पेशेंट ट्रांसपोर्ट एम्बुलेंस, बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस एवं एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के निर्धारित दरों में आक्सीजन, एम्बुलेंस उपकरण, पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क, फेस शील्ड, सेनेटाइजर, चालक, अपेक्षित ईएमटी तथा डाक्टर सम्मलित हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मोटर अधिनियम के तहत एम्बुलेंस को परमिट एवं कर से मुक्त रखा गया है। एम्बुलेंस का उपयोग व्यवसायिक न होकर अनन्य रूप से मरीज या घायल के परिवहन के लिए किया जाता है, जो एक प्रकार से सामाजिक सेवा है। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस के किराये की दरों पर नियंत्रण हेतु विभिन्न जिलों में समय-समय पर अधिसूचनाएं जारी की गई हैं, जिनकी दरों में भिन्नता पाई गई। वर्तमान में कोविड-19 की महामारी के दृष्टिगत पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस की दरों में एकरूपता के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।
अवशेष स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पाइप पेयजलापूर्ति की व्यवस्था अविलम्ब करायी जाय -डॉ. महेन्द्र सिंह
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने निर्देश दिये हैं कि आकांक्षात्मक जनपदों की 172 परियोजनाओं एवं जे0ई0/ए0ई0एस0 से प्रभावित क्षेत्रों की 165 निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं का कार्य दैनिक अनुश्रवण कराते हुए तत्काल पूर्ण कराकर उनमें फंक्शनल हाउस होल्ड टैप कनेक्शन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। डॉ. महेन्द्र सिंह ने नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन तथा जल निगम के अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के स्टेट हेड के साथ आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।
सिंह द्वारा समीक्षा के उपरान्त यह निर्देश दिये गये कि प्रत्येक परियोजना में इंटेकवेल का निर्माण कार्य बरसात प्रारम्भ होने से पूर्व करा लिया जाए तथा ट्यूबवेल आधारित विभिन्न पाइप पेयजल योजनाओं के निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर प्रारम्भ करा दिया जाय। जलशक्ति मंत्री ने डी0पी0आर0 का कार्यदायी संस्थाओं द्वारा समयान्तर्गत विरचन न किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की और निर्देश दिये कि प्रत्येक दशा में 08 जून, 2021 से पूर्व कम से कम 10 हजार डी0पी0आर0 कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से तैयार कराकर एक सप्ताह के अन्दर राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को उपलब्ध कराते हुए तत्काल कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने मंत्री जी को अवगत कराया कि जल जीवन मिशन की परियोजनाओं के निर्माण का कार्य अत्यधिक तीव्र गति से कराया जा रहा है। दिन-प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है तथा जल निगम के स्तर पर निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं में से 164 पाइप पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के विन्ध्य/बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 09 जनपदों में पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 66 जनपदों जिनको द्वितीय चरण में पाइप पेयजलापूर्ति से आच्छादित किये जाने हेतु लक्षित किया गया है, इन जनपदों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि मात्र 12 जनपदों में 530 डी0पी0आर0 तैयार हो सकी है।
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इसके अतिरिक्त जलशक्ति मंत्री को अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन ‘‘100 दिन का अभियान’’ प्रदेश के कुल 1,22,784 स्कूलों के सापेक्ष 1,03,116 अर्थात 83.98 प्रतिशत स्कूलों में शुद्ध पाइप पेयजलापूर्ति उपलब्ध करा दी गयी है। मंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये कि अवशेष स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पाइप पेयजलापूर्ति की व्यवस्था अविलम्ब करायी जाय।
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