अलीबाबा के संस्थापक जैक मा लापता, जिनपिंग से पंगा लेना पड़ा भारी!
पिछले साल अक्टूबर के महीने में जैक मा ने चीन के वित्तीय नियमकों और सरकारी बैंकों की खुलकर आलोचना की थी। जैक मा के इस तरह से लापता होने के बाद से कई तरह की आशंकाएं लगाई जा रही हैं। उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को बुजुर्गों का क्लब करार दिया था।
अरबपति उद्योगपति और अलीबाबा के संस्थापक जैक मा बीते दो महीने से लापता हैं। शी जिनपिंग के खिलाफ विवाद बढ़ने के बाद से ही जैक मा किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखें। वहीं दूसरी ओर जैक मा की कंपनियों पर चीन की सरकार कि ओर से कार्यवाही लगातार जारी है। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर के महीने में जैक मा ने चीन के वित्तीय नियमकों और सरकारी बैंकों की खुलकर आलोचना की थी। जैक मा के इस तरह से लापता होने के बाद से कई तरह की आशंकाएं लगाई जा रही हैं। उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को बुजुर्गों का क्लब करार दिया था। जैक मा के इस बयान के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नाराज हो गई थी और चीन में इस आलोचना को क्मयुनिस्ट पार्टी पर हमले के रूप में लिया गया।
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हो रहा था लगातार एक्शन
नवंबर 2020 में चीनी अधिकारियों ने जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप के 37 अरब डाॅलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही जैक मा को अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ चल रही जांच पूरा होने तक चीन से बाहर न जाने के निर्देश दिए गए।
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2016 से 2017 के बीच गायब हुए कई अरबपति
चीन में अमीरों के गायब होने की ये कोई पहली घटना नहीं है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार 2016 से 2017 के बीच चीन के कई अरबपति गायब हो गए। रिपोर्ट की माने तो 2016-17 के बीच गायब हुए लोग फिर कभी सामने नहीं नजर आए। इनके गायब होने के पीछे व्यापार प्रतिस्पर्धियों, पत्नियों का हाथ होने का अंदेशा जताया गया।
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