प्रधानमंत्री बनना नहीं बल्कि बनाना चाहता हूं: अखिलेश यादव
अखिलेश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ‘महागठबंधन’ का हिस्सा है, किंतु वे इस प्रश्न का उत्तर देने में विफल रहे कि सपा और कांग्रेस किस प्रकार लोकसभा चुनावों में किस प्रकार अकेले और एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे है।
नयी दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री बनना तो नहीं चाहते लेकिन बनाना अवश्य चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हमेशा ही देश को प्रधानमंत्री दिया है और कोई यदि इस पद पर आना चाहता है तो उसे उत्तर प्रदेश आना ही होगा जैसा कि नरेंद्र मोदी ने किया। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुये इस पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की लोकसभा में उस टिप्पणी को विशेष तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री बनना नहीं चाहता। मैं दौड़ में शामिल नहीं हूं, लेकिन मैं बनाना चाहता हूं..हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री किस प्रकार बनते हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह यह चाहते हैं कि बसपा प्रमुख मायावती प्रधानमंत्री पद पर आसाीन हों, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रसन्नता होगी कि कोई उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री बने।’’
So @yadavakhilesh tells me: the next PM will be from UP.. I ask him: isn’t @narendramodi also from UP now? His answer: woh toh hamare UP aaye hain! 😄
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 2, 2019
अखिलेश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ‘महागठबंधन’ का हिस्सा है, किंतु वे इस प्रश्न का उत्तर देने में विफल रहे कि सपा और कांग्रेस किस प्रकार लोकसभा चुनावों में किस प्रकार अकेले और एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘मोदी’’ के प्रति भय नहीं है जो सपा व बसपा को निकट लाया है अपितु यह संविधान और देश को बचाने की लड़ाई है।’’ गौरतलब है कि हाल ही में सपा और बसपा ने लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन किया है। उन्होंने कहा,‘‘सपा, बसपा और अन्य क्षेत्रीय दल हमारे साथ हैं और उत्तर प्रदेश में एक ‘महागठबंधन’ है..जब बसपा, सपा, कांग्रेस, रालोद और निषाद पार्टी साथ हैं..तो क्या ये एक गठबंधन नहीं है।
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उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘गठबंधन’ है और कांग्रेस हमारे साथ है। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश को हाथ भी पसंद है और हाथी भी।’ विपक्षी दलों के जुड़ने को विचारों का ‘संगम’ बताते हुये अखिलेश ने कहा, ‘‘यह संविधान को बचाने की लड़ाई है और देश को उनसे ‘‘मुक्त’’ कराना है जिन्होंने इसे उजाड़ दिया है।’’ मुलायम सिंह की मोदी की वापसी की शुभकामनाएं देने के प्रश्न पर उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘‘क्या नेता जी (मुलायम सिंह) ने डॉक्टर मनमोहन सिंह को गत लोकसभा चुनावों से पहले इसी तरह की शुभकामनाएं नहीं दीं थी और क्या वे सत्ता में वापस आ गए थे। अखिलेश ने कहा,‘‘ उनकी शुभकामनाओं के बारे में मुझसे अधिक कौन जानता है। वे शुभकामनाएं और आशीर्वाद इस तरह से देते हैं कि केवल हमें ही पता होता है कि क्या होने वाला है..केवल मैं ही उनके आशीर्वाद के बारे में जानता हूं और इसलिए मैं इसके बारे में बात नहीं करता हूं।’’
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