अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, कहा- भाजपा की नोटबंदी ने संपूर्ण व्यापार जगत को अव्यस्थित किया
यादव ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया कि नोटबंदी से ‘कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था‘ बनाने का भारत सरकार का इरादा भी फेल हो गया है। उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों ने भाजपा सरकार की नोटबंदी को एक खराब योजना बताते हुए इसकी आलोचना की थी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को नोटबंदी के मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी ने संपूर्ण व्यापार जगत को अव्यवस्थित कर दिया है और भ्रष्टाचार चरम पर है। नोटबंदी के फैसले की बरसी की पूर्व संध्या पर सपा मुख्यालय से जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा, प्रधानमंत्री जी के बयानों की चमक उतरने लगी है और जनता सच्चाई से रूबरू होने लगी है।
यादव ने कहा कि छह साल पहले आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए उन्होंने कई दावे किए थे और उनका (मोदी)दावा था कि नोटबंदी से कालाधन खत्म होगा, बाहर गया कालाधन वापस आएगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। सपा प्रमुख ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नोटबंदी और जीएसटी ने संपूर्ण व्यापार जगत को अव्यवस्थित कर दिया है, भ्रष्टाचार चरम पर है, भाजपा राज में विकास कार्य ठप है, मंहगाई में लगातार वृद्धि जारी है और आर्थिक असमानता बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि अमीर ज्यादा अमीर तो गरीब और ज्यादा गरीब हो रहा है, लेकिन खाली पेट और खाली जेब भारत को अब विश्वगुरू बनाने का सपना दिखाया जा रहा है। यादव ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया कि नोटबंदी से ‘कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था‘ बनाने का भारत सरकार का इरादा भी फेल हो गया है। उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों ने भाजपा सरकार की नोटबंदी को एक खराब योजना बताते हुए इसकी आलोचना की थी।
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उन्होंने कहा कि डिजिटल विकल्प के बावजूद अर्थव्यवस्था में नकदी का लगातार बढ़ता उपयोग यह भी जताता है कि भाजपा की नीतियों से जनता का विश्वास उठता जा रहा है। बैंको में जमा राशि में गिरावट इसी का संकेत है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जनधन की लूट मची है, इससे भी लोगों का भरोसा भाजपा सरकार की नीतियों से टूटा है। यादव ने कहा कि विजय माल्या, चोकसी जैसे बड़े उद्योगपति बैंकों से बड़ी-बड़ी रकम लेकर विदेश भाग गए और कई बैंक नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) से जुड़ी दुश्वारियां झेल रहे हैं।
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