CM Yogi के 'बटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार, बोले- यह भाजपा की निराशा और विफलता का प्रतीक
अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है।इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'बटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि यह नकारात्मक नारा भाजपा की निराशा और विफलता का प्रतीक है। अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है।इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।
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सपा नेता ने आगे लिखा कि ‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद, उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताक़तवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमज़ोरी की ही बातें कर रहे हैं। जिस ‘आदर्श राज्य’ की कल्पना हमारे देश में की जाती है, उसके आधार में ‘अभय’ होता है; ‘भय’ नहीं। ये सच है कि ‘भयभीत’ ही ‘भय’ बेचता है क्योंकि जिसके पास जो होगा, वो वही तो बेचेगा।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में ये नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा और उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आख़िरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नज़र और नज़रिये के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए, ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा। एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें, साथ ही बाँहों को भी, इसी में उनकी भलाई है। सकारात्मक समाज कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
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