बीजेपी-आरएसएस मुसलमानों को कर रही टारगेट, अजमल ने लगाए आरोप, हिमंता बोले- जिहादी गतिविधियों को खत्म करना मकसद
असम के सीएम ने कहा कि अगर मदरसों में जिहादी गतिविधियां नहीं होती हैं तो हम मदरसा क्यों तोड़ेंगे लेकिन हमें ऐसी किसी गतिविधी का पता चलेगा तो हम उसपर कार्रवाई करेंगे।
असम में हिमंत सरकार मदरसों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। बीते कुछ दिनों में तीन मदरसे पर बुलडोजर चलाया गया है। जिसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है। कई राजनीतिक दलों की ओर से इस कदम की आलोचना की गई है। जिसको लेकर अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जवाब देते हुए कहा कि असम सरकार का मदरसा तोड़ने का इरादा नहीं है। हमारा इरादा मदरसों में होने वाली जिहादी गतिविधियों को खत्म करना है।
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असम के सीएम ने कहा कि अगर मदरसों में जिहादी गतिविधियां नहीं होती हैं तो हम मदरसा क्यों तोड़ेंगे लेकिन हमें ऐसी किसी गतिविधी का पता चलेगा तो हम उसपर कार्रवाई करेंगे। इससे पहले एआईयूडीएफ चीफ मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा था कि 2024 के चुनाव से पहले मुसलमानों और मदरसों पर हमले बढ़े हैं। भाजपा को 2024 में सत्ता बनाए रखने के लिए मुस्लिम वोटों की जरूरत है। मुसलमानों पर उनके द्वारा हमले बढ़ रहे हैं और इसलिए डरे हुए मुसलमान उन्हें वोट देंगे।
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असम के बरपेटा जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले मदरसे पर प्रशासन का बुलडोजर वाला एक्शन देखने को मिला है। बोंगाईगांव जिले के एक मदरसे को भी ध्वस्त कर दिया गया। असम में सरकारी फंड से चलने वाले मदरसे अब बंद हो चुके हैं। इसलिए जितनी भी मदरसे चल रहे हैं वो प्राइवेट फंडिंग के सहारे चल रहे हैं। जिस मदरसे को तोड़ा गया है वो भी सरकारी जमीन पर बना अवैध मदरसा था।
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