असम के'जिहादी' मदरसे पर चला हिमंत सरकार का बुलडोजर, संदिग्ध आतंकी से जुड़ा है कनेक्शन
असम के बरपेटा जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले मदरसे पर प्रशासन का बुलडोजर वाला एक्शन देखने को मिला है।
असम की चर्चा इन दिनों अवैध मदरसों पर हो रही कार्रवाई को लेकर खूब हो रही है। जिस मदरसे पर ताजा कार्रवाई हुई उसका कनेक्शन आतंकियों से था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। इसके साथ ही असम के बरपेटा जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले मदरसे पर प्रशासन का बुलडोजर वाला एक्शन देखने को मिला है। मरकाजुल मां आरिफ करियाना मदरसे में 224 बच्चे रहते थे। आधी रात तक बच्चों को यहां से हटाया गया, जिसके बाद इस पर बुलडोजर चला दिया गया।
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असम पुलिस ने सोरभोग इलाके से अकबर अली और अबुल कलाम नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। दोनों का संबंध एक्यूआईएस यानी अलकायदा इंडियन कॉन्टीनेंट और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) नाम के आतंकी संगठनों से था। पुलिस के मुताबिक दोनों आतंकी मदरसे की फंडिंग करते थे। इनके पास जो पैसा आता था वो जिहादी गतिविधियों को चलाने के लिए बाहर से आता था। पुलिस ने पूर्व में कहा था कि एबीटी के सदस्य करीब चार साल से मदरसे में रह रहे थे। एबीटी के तार भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) से जुड़े हैं। पुलिस ने इस साल मार्च से आतंकियों के साथ संबंधों के आरोप में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है तथा मध्य और निचले असम में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कड़ी निगरानी रख रही है।
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असम में सरकारी फंड से चलने वाले मदरसे अब बंद हो चुके हैं। इसलिए जितनी भी मदरसे चल रहे हैं वो प्राइवेट फंडिंग के सहारे चल रहे हैं। जिस मदरसे को तोड़ा गया है वो भी सरकारी जमीन पर बना अवैध मदरसा था। जिसे दो आतंकियों के पैसे से चलाया जा रहा था।
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