जिहादियों और आतंकियों के हर नापाक मंसूबे को विफल करने में जुटे हुए हैं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा
असम के बरपेटा जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले एक मदरसे को जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि जमीउल हुदा मदरसा आतंकवादियों के प्रशिक्षण का अड्डा और उनकी पनाहगाह बन गया था।
उग्रवाद पर काबू पाने के बाद अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा आतंकवादी विचारधारा के पोषकों और जिहादी गतिविधियों में शामिल तत्वों की कमर तोड़ने में लगे हुए हैं। खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा से जुड़े संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम पर कड़ी नजर रखी जा रही है और इससे जुड़े लोगों की धरपकड़ की जा रही है। हम आपको बता दें कि अंसारुल्लाह बांग्ला टीम बांग्लादेश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है और इस्लामिक जिहादी गतिविधियों को चलाने के लिए जाना जाता है। इस संगठन ने असम में भी अपनी पकड़ तेजी से बनाई है लेकिन अब जिस तेजी से इस संगठन से जुड़े लोगों की धरपकड़ चल रही है उससे इस आतंकवादी संगठन के होश उड़े हुए हैं।
इसके अलावा पूरे असम में मदरसों की गतिविधियों पर निगाह रखी जा रही है ताकि कोई भी गैरकानूनी गतिविधि नहीं चले। यही नहीं जिन मदरसों का आतंक से संबंध सामने आ रहा है उन्हें ढहाया भी जा रहा है। जी हाँ, हम आपको बता दें कि असम के बरपेटा जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले एक मदरसे को जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि जमीउल हुदा मदरसा आतंकवादियों के प्रशिक्षण का अड्डा और उनकी पनाहगाह बन गया था जिसे अब बुलडोजर के जरिये ध्वस्त कर दिया गया है।
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बरपेटा के पुलिस अधीक्षक अमिताभ सिन्हा ने कहा, ‘‘चूंकि यह मदरसा सरकारी जमीन पर बनाया गया था, इसलिए बरपेटा जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए बेदखली अभियान में इसे ध्वस्त कर दिया गया।’’ अमिताभ सिन्हा ने कहा कि मार्च महीने में मोहम्मद सुमन उर्फ सैफुल इस्लाम की गिरफ्तारी के बाद बरपेटा के ढकलियापारा में मदरसा ‘शैखुल हिंद मदमुदल हसन जमीउल हुदा इस्लामिक एकेडमी' के संकाय सदस्यों की राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ संलिप्तता का पता चला था। सैफुल इस्लाम तो पुलिस की गिरफ्त में आ गया था लेकिन अभी उसके साथी की तलाश जारी है। हम आपको बता दें कि आतंकवादी सैफुल इस्लाम और उसके साथी की अवैध गतिविधियों में मदद करने के आरोप में प्रधानाध्यापक, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
यही नहीं, पुलिस ने इस साल मार्च से आतंकवादियों के साथ संबंधों के आरोप में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है तथा मध्य और निचले असम में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कड़ी निगरानी रख रही है। इसी कड़ी में बरपेटा जिले में रविवार को दो लोगों को जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों की पहचान अकबर अली और अबुल कलाम आजाद के रूप में की गयी है। इसके अलावा अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के साथ संबंध रखने के लिए असम के गोलपाड़ा जिले से दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जिला पुलिस अधीक्षक वी.वी. राकेश रेड्डी ने कहा कि एक व्यक्ति की पहचान बोंगईगांव में स्थित एक मदरसे के शिक्षक और गोलपाड़ा निवासी हाफिजुर रहमान के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि वह इलाके के युवाओं को अपने संगठन में भर्ती करने में शामिल था और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के सदस्यों के साथ भी उसके संबंध हैं। दूसरे व्यक्ति की पहचान गोलपाड़ा जिले के रहने वाले अब्दुस सुबहान के रूप में हुई है, जिसे बोंगईगांव जिले से इसी तरह के संपर्क मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने बताया कि अल कायदा से संबंध रखने के लिए दो मौलवियों को भी 21 अगस्त को गोलपाड़ा से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि उन पर मुस्लिम युवकों को कथित तौर पर बरगलाने और पिछले तीन-चार वर्षों के दौरान जिहादी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है।
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इस बीच, पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि जिले से गिरफ्तार किये गए आरोपियों के कई ऐसे लोगों से संपर्क हैं जो जिहादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। महंत ने कहा, ‘‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उनका संबंध इस साल की शुरुआत में मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किए गए लोगों से है।'' उन्होंने कहा कि यह पता लगाया गया है कि जिलों में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के ‘स्लीपर सेल’ हैं जहां युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इनके पास से कुछ जिहादी साहित्य और पोस्टर बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि कुछ इमामों ने राज्य के बाहर से आकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मदरसों की स्थापना की। पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि जिलों के अधिकारियों को ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। महंत ने कहा, ‘‘संबंधित अधिकारियों की अनुमति के बिना किसी क्षेत्र में एक भी मदरसा नहीं बन सकता है। आवश्यक नियमों का पालन करना होगा।’’ हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने हाल में कहा था कि असम ‘‘जिहादी गतिविधियों का केंद्र’’ बन गया है और पांच महीनों में बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल इस्लाम से जुड़े पांच मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है।
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