बिना जांच पूरी किए चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकती एजेंसियां, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 167 को लेकर सुनाया अहम फैसला
याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया। याचिका पर विचार करते हुए खंडपीठ ने रितु की अंतरिम जमानत के आदेश को निरंकुश करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक फैसले में कहा है कि कोई भी एजेंसी किसी भी मामले में जांच पूरी किए बिना चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकती है। याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया। जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने याचिका पर विचार करते हुए रितु की अंतरिम जमानत के आदेश को निरंकुश करार दिया। कोर्ट ने कहा है कि जांच एजेंसी द्वारा किसी मामले की जांच पूरी किए बिना चार्जशीट या अभियोजन शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती है।
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सीआरपीसी की धारा 167 डिफ़ॉल्ट जमानत के मुद्दे से संबंधित है। सीआरपीसी की धारा 167 के अनुसार जब चौबीस घंटे के अंदर अन्वेषण पूरा न किया जा सके तब प्रक्रिया– तो वह, निकटतम न्यायिक मजिस्ट्रेट को इसमें इसके पश्चात् विहित डायरी की मामले में संबंधित प्रविष्टियों की एक प्रतिलिपि भेजेगा और साथ ही अभियुक्त व्यक्ति को भी उस मजिस्ट्रेट के पास भेजेगा।
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