यूपी के बाद अब कर्नाटक में भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति जब्त होगी
राज्य में पिछले सप्ताह सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे और ये मंगलुरु में हिंसक हो गये थे और कथित पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी। सीएए का बचाव करते हुए अशोक ने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है और हर किसी को यहां के कानून का पालन करना होगा।
बेंगलुरु। कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कड़ी चेतावनी देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश का अनुकरण करेगी और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्तियां जब्त करेगी। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को कानून का पालन करना चाहिए और सरकार को इस तरह की कार्रवाई करने का मौका नहीं देना चाहिए।
अशोक ने कहा, ‘‘जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा में लिप्त लोगों की संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है, उसी तरह यदि (यहां) इस तरह की (हिंसा) होती है तो कर्नाटक में भी इस तरह की कार्रवाई की जायेगी।’’ इस बीच, कर्नाटक भाजपा की महासचिव और सांसद शोभा करंदलाजे ने भी राज्य सरकार से उन लोगों की पहचान करने का आग्रह किया है जिन्होंने राज्य में विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया है और उन्हें इसके लिए भुगतान करना होगा।
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उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें छोड़ा नहीं जाना चाहिए, किसी को सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करने का अधिकार नहीं है ... कोई भी विरोध कर सकता है, लेकिन अगर वे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, तो सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इसके लिए भुगतान करें।’’ राज्य में पिछले सप्ताह सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे और ये मंगलुरु में हिंसक हो गये थे और कथित पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी। सीएए का बचाव करते हुए अशोक ने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है और हर किसी को यहां के कानून का पालन करना होगा।
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