लोकसभा में क्लीन स्वीप करने के बाद Delhi विधानसभा चुनाव में डटी बीजेपी, नए चेहरों पर पार्टी लगा सकती है दांव
लोकसभा चुनावों में जबरदस्त सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी नए चेहरों पर दांव लगाने जा रही है। आम चुनाव में जहां पार्टी ने 6 सांसदों का टिकट काट दिया था, तो वहीं विधानसभा चुनाव में भाजपा लगातार मात खा रहे प्रत्याशियों को भी दरकिनार करने के मूड में दिख रही है।
कुछ समय पहले संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में जबरदस्त सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी नए चेहरों पर दांव लगाने जा रही है। आम चुनाव में जहां पार्टी ने 6 सांसदों का टिकट काट दिया था, तो वहीं विधानसभा चुनाव में भाजपा लगातार मात खा रहे प्रत्याशियों को भी दरकिनार करने के मूड में दिख रही है। दिल्ली के सत्ता से ढाई दशक से भी ज्यादा समय से दूर बीजेपी राजधानी के बदले हुए जातीय समीकरणों के आधार पर अपने टिकट तय करेगी। इसके लिए बीजेपी ने सर्वे के आधार पर तैयारी शुरू कर दी है।
नए चेहरों को मिल सकता है मौका
दिल्ली की सत्ता से कांग्रेस के हाथों 1998 में दूर हुई बीजेपी को पहले डेढ़ दशक कांग्रेस ने, तो उसके बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता से दूर रखा है और दिल्ली नगर निगम की सत्ता भी बीजेपी को आप के हाथों गंवानी पड़ी थी। इसलिए इस बार दिल्ली जीतने के लिए पार्टी समय रहते ही चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो बीजेपी इस बार के चुनावी दंगल में बड़ी संख्या में नए प्रत्याशियों पर दांव लगाएगी।
कुछ विधानसभा चुनावों से लगातार हार रहे नेताओं को इस बार चुनावी मैदान से बाहर कर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। तो वहीं कुछ पुराने दिग्गजों को भी चुनावी रण में उतारा जा सकता है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारी में प्रदेश चुनाव समिति और घोषणापत्र समिति का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के सभी प्रमुख नेताओं को इसमें रखने का प्रयास किया गया है।
राजधानी की कई सीटों पर बदले जातीय समीकरण
भाजपा दूसरे दलों के बड़े नेताओं पर भी नजर रख रही है। ऐसी सीटें जहां बीजेपी की स्थिति कमजोर है, वहां बाहरी प्रत्याशियों पर दांव लगाया जा सकता है। विधानसभा चुनाव के लिए हुए सर्वे में कई सीटों पर जातीय समीकरण बदले हुए नजर आए हैं। जिसके आधार पर बीजेपी चुनावी रणनीति बना रही है और उसी आधार पर प्रत्याशियों के टिकट भी तय किये जायेंगे। वहीं, दूसरी तरफ पीएम मोदी भी राजनीति में नए चेहरों के हिमायती रहे हैं, ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है।
बीजेपी में तीन 'आप' के विधायक शामिल
विधानसभा चुनाव की तारीख तय होने से पहले ही दिल्ली में सभी पार्टी प्रचार प्रसार के साथ जोड़-तोड़ की राजनीति शुरु कर दी है। कई पुराने और दिग्गज कांग्रेस नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं तो कई आम आदमी पार्टी के विधायक और नेता अपनी पार्टी को छोड़ BJP का दामन थामने में जुटे हुए हैं। अब तक बड़े नामों में आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री रह चुके कैलाश गहलोत, राजकुमार आनंद और छत्तरपुर विधानसभा से करतार सिंह तंवर ने अपनी पार्टी का दामन छोड़ मोदी जी के आदर्श पर चलने की ठानी है। अब देखना होगा कि आखिरकार चुनाव की तारीख तय होने तक और कितने नेता BJP में शामिल होते हैं और क्या BJP इन नेताओं के बलबूते दिल्ली की सत्ता पाने में सफल होती है।
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