Umesh Pal की हत्या के विरोध में अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे

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बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में गवाह रहे उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी की शुक्रवार की शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय विधिज्ञ परिषद के आह्वान पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता उमेश पाल की नृशंस हत्या के विरोध में सोमवार को दोपहर साढ़े बारह बजे के बाद न्यायिक कार्य से विरत रहे। उमेश पाल अधिवक्ता थे और बार एसोसिएशन के सदस्य भी थे। बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में गवाह रहे उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी की शुक्रवार की शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इससे पूर्व, सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह की अध्यक्षता में सदस्यों की एक बैठक हुई जिसमें उन्होंने अपने साथी उमेश पाल की हत्या के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया। बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित कर इस हत्याकांड के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने के साथ ही मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने और 50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की गई। एसोसिएशन ने अधिवक्ता सुरक्षा कानून को लागू किए जाने की भी मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। मृतक के परिजनों को संकट की इस घड़ी में सांत्वना देने के लिए अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही उनसे मुलाकात करेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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