पटना में तेजस्वी यादव से मिले आदित्य ठाकरे, दूसरी ओर भाजपा ने उठा दिया सुशांत सिंह राजपूत का मुद्दा
आदित्य ठाकरे के इस दौरे को लेकर बिहार की राजनीतिक हलचल भी बढ़ गई है। दूसरी ओर बिहार रवाना होने से पहले आदित्य ठाकरे ने कहा था कि तेजस्वी यादव मेरी उम्र के हैं। हम फोन पर लगातार बात करते रहे हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना उद्धव ठाकरे के नेता आदित्य ठाकरे आज बिहार के दौरे पर हैं। बिहार की राजधानी पटना पहुंचने पर आदित्य ठाकरे ने राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की है। यह मुलाकात बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई है। आदित्य ठाकरे के साथ शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी मौजूद रहे। आपको बता दें कि आदित्य ठाकरे का आज का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलग-अलग मायने भी तलाशी जा रहे हैं। आदित्य ठाकरे के इस दौरे को लेकर बिहार की राजनीतिक हलचल भी बढ़ गई है। दूसरी ओर बिहार रवाना होने से पहले आदित्य ठाकरे ने कहा था कि तेजस्वी यादव मेरी उम्र के हैं। हम फोन पर लगातार बात करते रहे हैं।
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शिवसेना नेता ने कहा कि जब हम सरकार में थे तो तेजस्वी यादव से हमारी फोन पर बातचीत होती थी। वह विपक्ष में थे। आज हम पहली बार मिलेंगे और पर्यावरण, उद्योग, जलवायु संकट सहित अच्छे कामों के बारे में चर्चा करेंगे। हालांकि, आदित्य ठाकरे के इस दौरे को लेकर भाजपा ने बिहार की सियासत में एक नया मुद्दा उछाल दिया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और बीजेपी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने आदित्य ठाकरे पर हमला बोला है। इसको लेकर निखिलानंद की ओर से एक ट्वीट किया गया है। उन्होंने लिखा कि सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की मौत के बाद, MVA सरकार बॉलीवुड के बेबी-बाबा, ड्रग- हवाला- अंडरवर्ल्ड माफियाओं के संरक्षक के रूप में दिखी।
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इसके साथ ही भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह सबूतों को नष्ट किया और सीबीआई जांच का विरोध किया, वह संदेह पैदा करता है। मैं चाहता हूं कि इन संरक्षकों का नारको टेस्ट हो। भगवान हमें न्याय दें। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की संदेहास्पद मृत्यु के बाद आदित्य ठाकरे, संजय राउत और उद्धव ठाकरे ने जिस तरह का बर्ताव किया था, उसे हम कभी भूल नहीं सकते। तेजस्वी को बिहार विरोधी मानसिकता और सुशांत की मौत के जिम्मेदार संदिग्ध चरित्र वाले लोगों से मिलने का बहिष्कार करना चाहिए। आपको बता दें कि 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बिहार और महाराष्ट्र सरकार आमने-सामने हो गई थी। उस वक्त महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी और आदित्य ठाकरे मंत्री थे।
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