प्रधानमंत्री मोदी के ब्लॉग में जगह पाने वाला अब्बास जब ऑस्ट्रेलिया में बस गया है: प्रह्लाद मोदी
सत्तर के दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वडनगर स्थित पैतृक मकान में तीन साल से अधिक समय तक रहने वाला और उनके परिवार का करीब करीब सदस्य बन गया मुसलमान लड़का अब्बास रामसादा अब सेवानिवृत्ति के बाद ऑस्ट्रेलिया की सिडनी में परिवार के साथ सुखमय जीवन जी रहा है।
अहमदाबाद। सत्तर के दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वडनगर स्थित पैतृक मकान में तीन साल से अधिक समय तक रहने वाला और उनके परिवार का करीब करीब सदस्य बन गया मुसलमान लड़का अब्बास रामसादा अब सेवानिवृत्ति के बाद ऑस्ट्रेलिया की सिडनी में परिवार के साथ सुखमय जीवन जी रहा है। प्रधानमंत्री के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी ने सोमवार को यह जानकारी दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को अपनी मां हीराबा के 100वें जन्मदिन पर एक ब्लॉग लिखा था, जिसमें उन्होंने अब्बास रामसादा का जिक्र किया था।
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अब्बास मोदी भाइयों में सबसे छोटे भाई पंकज मोदी के मित्र और सहपाठी थे। गुजरात उचित दर दुकान मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रह्लाद मोदी ने पीटीआई-से कहा, ‘‘अब्बास मोदी परिवार का अभिन्न अंग बन गया था।’’ प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में जिक्र किया है कि कैसे उनके पिता दामोदरदास अपने मित्र की मौत के बाद उनके पुत्र अब्बास को घर ले आए थे। प्रधानमंत्री ने लिखा था, ‘‘मेरे पिता के एक करीबी मित्र पास के गांव में रहते थे। उनकी असामयिक मृत्यु के बाद, मेरे पिता उनके बेटे अब्बास को हमारे घर ले आए। उसने हमारे साथ रहकर अपनी शिक्षा पूरी की। मां (हीराबा) हम भाइयों की तरह ही अब्बास से भी बहुत प्यार करती थीं। हर साल ईद पर वह अब्बास के पसंद का खाना पकातीं।’’ प्रह्लाद मोदी ने बताया कि अब्बास रामसादा मेहसाणा जिले में वडनगर कस्बे के केसीम्पा गांव का रहने वाला था और वडनगर के श्री बीएन हाई स्कूल में पंकज मोदी का सहपाठी था।
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उन्होंने बताया, ‘‘पंकज को जब पता चला कि पिता की मृत्यु के कारण अब्बास को पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ सकती है तो उन्होंने मां-पिताजी से उसके लिए कुछ करने का आग्रह किया। बिना किसी झिझक के मेरे पिता उसे (अब्बास) हमारे घर ले आए और सुनिश्चित किया कि उसकी शिक्षा पूरी हो। 10वीं पास करने तक वह हमारे साथ ही रहा।’’ प्रह्लाद ने बताया कि 70 के दशक के शुरुआत में अब्बास करीब चार साल तक परिवार के सदस्य के रूप में मोदी परिवार के साथ रहा।
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