AAP सांसद राघव चड्ढा, संजय सिंह ने दिल्ली में 'अपराधों में वृद्धि' पर चर्चा करने के लिए RS में स्थगन प्रस्ताव दिया
संजय सिंह ने इससे पहले 2 दिसंबर और 29 नवंबर को भी कार्य स्थगन नोटिस दायर किया था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ती अपराध दर पर चर्चा की मांग की गई थी। संजय सिंह सिंह ने दायर नोटिस में कहा कि "प्रमुख समाचार पत्रों के आंकड़े" डकैती, हत्या के प्रयास जैसे अपराधों में वृद्धि को उजागर करते हैं।
दिल्ली में जारी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मंगलवार को नियम 267 के तहत राज्यसभा में बिजनेस सस्पेंशन नोटिस दायर किया है। इस नोटिस के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'बिगड़ती कानून व्यवस्था' की स्थिति और 'अपराधों में वृद्धि' पर चर्चा करने की मांग की गई है। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के अलावा आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी दिल्ली में 'बढ़ते अपराधों' से संबंधित बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए उच्च सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दायर किया है।
बता दें कि संजय सिंह ने इससे पहले 2 दिसंबर और 29 नवंबर को भी कार्य स्थगन नोटिस दायर किया था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ती अपराध दर पर चर्चा की मांग की गई थी। संजय सिंह सिंह ने दायर नोटिस में कहा कि "प्रमुख समाचार पत्रों के आंकड़े" डकैती, हत्या के प्रयास जैसे अपराधों में वृद्धि को उजागर करते हैं, तथा महिलाओं और बुजुर्गों के खिलाफ अपराध में वृद्धि हुई है।"
सिंह ने नोटिस में कहा, "2024 के प्रमुख समाचार पत्रों के आंकड़े राजधानी में अपराध की चिंताजनक स्थिति को उजागर करते हैं। डकैती के मामलों में 23 प्रतिशत, चोरी के मामलों में 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि हत्या के प्रयास में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।" नोटिस में आगे कहा गया है, "महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सूची में दिल्ली महानगरों में सबसे ऊपर है। यह स्पष्ट रूप से कानून और व्यवस्था की कार्यप्रणाली में खामियों को दर्शाता है।"
सिंह ने कहा, "महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि और 878 घातक सड़क दुर्घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। सड़कों पर गैंगवार और व्यापारियों से अवैध वसूली की घटनाओं के कारण दिल्ली में दहशत का माहौल है।" उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में बम की धमकियों पर भी प्रकाश डाला तथा इसे "सुरक्षा प्रणाली की विफलता" बताया, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी धमकियां बनी हुई हैं। सिंह ने कहा, "2024 में दिल्ली में बम विस्फोट की हालिया धमकियों ने उन बेखौफ अपराधियों को सामने ला दिया है, जो मंत्रालय की नीतियों से नहीं डरते और देश की संसद से लेकर एम्स तक इस तरह की गतिविधि का प्रयास करते हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है।" उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष दिल्ली पुलिस द्वारा 1 लाख 70 हजार से अधिक अपराध दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज 1,74,253 अपराधों में हत्या (308), डकैती (1,034), घरों में चोरी (5,735) और वाहन चोरी (25,140) शामिल हैं। संगठित अपराध के बढ़ते मामलों के बावजूद घरों में चोरी (26 प्रतिशत) और अन्य मामलों की जांच दर बेहद कम है।"
उन्होंने नोटिस में कहा, "इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मौजूदा उपाय सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं।" आप सांसदों ने 29 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन आप नेताओं संजय सिंह, राघव चड्ढा, संदीप पाठक और अन्य पार्टी नेताओं द्वारा किया गया। दिल्ली के प्रशांत विहार में 28 नवंबर को एक विस्फोट की खबर मिली थी। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कमांडो, दिल्ली पुलिस अपराध शाखा, विशेष प्रकोष्ठ और बम निरोधक दस्ते की टीमों के साथ दमकल गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया था।
विस्फोट के बाद राष्ट्रीय राजधानी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। इससे पहले, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी और इसकी तुलना 1990 के दशक के मुंबई से की थी। आतिशी ने कहा, "दिल्ली 90 के दशक की मुंबई जैसी हो गई है, एक समय था जब यहां अंडरवर्ल्ड का बोलबाला था, जैसा कि हमने टीवी शो और फिल्मों में देखा।"
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