AAP का आरोप, लगातार बिगड़ रही दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति, VIP ड्यूटी में व्यस्त पुलिसकर्मी

Saurabh Bharadwaj
ANI
अंकित सिंह । Jul 15 2024 12:25PM

भारद्वाज ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि विनय कुमार सक्सेना के एलजी बनने के बाद से दिल्ली के हालात खराब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। अब अपराधियों को पुलिस का डर नहीं है।

जीटीबी अस्पताल के वार्ड के अंदर मरीज की हत्या गलत पहचान का मामला हो सकता है। पुलिस को इस बात का शक है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि घटना होने से एक दिन पहले ही एक अपराधी को उसी वार्ड से स्थानांतरित किया गया था। हालांकि, इसको लेकर दिल्ली की आप सरकार ने राजधानी में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर उपराज्यपाल (एलजी) पर कई सवाल खड़े लिए है। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसके लिए उपराज्यपाल (एलजी) के रूप में विनय कुमार सक्सेना के कार्यकाल को जिम्मेदार बताया है।

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भारद्वाज ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि विनय कुमार सक्सेना के एलजी बनने के बाद से दिल्ली के हालात खराब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। अब अपराधियों को पुलिस का डर नहीं है। दिल्ली में अपराध दर सबसे ज्यादा है। अधिकांश पुलिसकर्मी वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त हैं। भारद्वाज ने कहा कि बड़े समाज सुरक्षा गार्डों को नियुक्त करके अपनी सुरक्षा बनाए रखते हैं। लोगों ने चेन स्नैचिंग, मोबाइल स्नैचिंग, घर में चोरी और वाहन चोरी जैसी घटनाओं के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करना बंद कर दिया है क्योंकि कुछ होता ही नहीं है।

आज दिल्ली के एक अस्पताल के अंदर हुई हत्या पर उन्होंने जोर देकर कहा कि "हम अस्पताल के अंदर प्रवेश के लिए सुरक्षा जांच नहीं कर सकते; यहां तक ​​कि निजी अस्पतालों में भी सुरक्षा जांच के माध्यम से प्रवेश नहीं होता... कानून का डर ही अपराध को रोकता है। जब आपकी चार्जशीट की स्थिति इतनी खराब है कि अब आप 10% अपराधों के लिए चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकते हैं, तो अपराधियों को पता है कि वे प्रबंधन कर सकते हैं।" 

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उन्होंने कहा कि एलजी को रोजाना पुलिस स्टेशनों का दौरा करना चाहिए और औचक निरीक्षण करना चाहिए। यदि गलती मिले तो वहां कार्रवाई की जाए। आज कोई भी महिला शिकायत दर्ज कराने थाने नहीं जाना चाहती। क्या राजधानी में ऐसा होना चाहिए? इस मामले पर केंद्र का कोई ध्यान नहीं है। अपने पोस्ट में, भारद्वाज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दिल्ली पुलिस में कर्मचारियों की भारी कमी है और बल का एक बड़ा हिस्सा वीआईपी सुरक्षा में लगा हुआ है। उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 1,832 अपराधों के साथ दिल्ली में अपराध दर देश में सबसे अधिक है। केवल 30% मामलों में ही आरोप पत्र दायर किया जा रहा है। उन्होंने एलजी की प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए पूछा, "एलजी साहब ने दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में क्या किया है?"

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