किसान आंदोलन के बीच हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन को बड़ा झटका, निकाय चुनाव में मिली करारी शिकस्त
इस चुनाव में सोनीपत, पंचकूला और अंबाला नगर निगम मेयर पद के लिए पहली बार सीधे तौर पर वोट डाले गए थे। इन तीनों ही सीटों में से सिर्फ एक सीट ही सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन जीत पाई है जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है। वहीं एक सीट पर हरियाणा जन चेतना पार्टी का कब्जा हुआ है।
देशभर में एक ओर हर चुनाव में भाजपा लगातार अच्छे प्रदर्शन कर रही है वहीं सत्ता में काबिज हरियाणा से उसके लिए बुरी खबर आई है। हरियाणा में बुधवार को 27 दिसंबर को हुए निकाय चुनाव के नतीजे घोषित किए गए। नतीजों से भाजपा-जजपा गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। अगर कहा जाए कि 3 नगर निकाय चुनाव में इस गठबंधन को करारी शिकस्त मिली है तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी। इस चुनाव में सोनीपत, पंचकूला और अंबाला नगर निगम मेयर पद के लिए पहली बार सीधे तौर पर वोट डाले गए थे। इन तीनों ही सीटों में से सिर्फ एक सीट ही सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन जीत पाई है जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है। वहीं एक सीट पर हरियाणा जन चेतना पार्टी का कब्जा हुआ है।
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पंचकूला में भाजपा तो कांग्रेस ने सोनीपत मेयर की कुर्सी पर कब्जा किया है। अंबाला नगर निगम मेयर सीट पर हरियाणा जन चेतना पार्टी की विजय हुई है। सबसे निराशाजनक प्रदर्शन जजपा की हुई है जो इस वक्त भाजपा के साथ गठबंधन में है। तीन नगर निगम मेयर पद चुनाव के अलावा तीन नगर पालिका और एक नगर परिषद पर भी चुनाव हुए थे। पंचकूला के अलावा भाजपा को रेवाड़ी में नगर परिषद प्रेसिडेंट पद पर जीत मिली है। बाकी के 5 जगहों पर भाजपा-जजपा गठबंधन को कांग्रेस और अन्य दलों से करारी हार का सामना करना पड़ा है। अंबाला को भाजपा का गढ़ माना जाता है लेकिन वहां भी वह मेयर पद का चुनाव नहीं जीत पाई। ज्यादातर भाजपा-जजपा गठबंधन के उम्मीदवार निर्दलीय और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों से चुनाव हार गए।
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बात करें सांपला नगर निगम चेयरमैन की तो यहां कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार की जीत हुई है। धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन की बात करें तो यहां निर्दलीय ने चुनाव जीता है। वहीं, उकलाना नगर पालिका चेयरमैन पद पर भी निर्दलीय का कब्जा हुआ है। रेवाड़ी नगर परिषद प्रेसिडेंट पर भाजपा ने जीत हासिल की है। अंबाला नगर निगम मेयर पद पर कांग्रेस जन चेतना पार्टी ने जीत हासिल की है। सोनीपत नगर निगम मेयर पद पर कांग्रेस की जीत हुई है जबकि पंचकूला नगर निगम मेयर पद पर बीजेपी ने बाजी मारी है। सबसे खास बात तो यह है कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी की अपने ही गढ़ हिसार के उकलाना और रेवाड़ी के धारूहेड़ा में हार हुई है। आपको बता दें कि हरियाणा में यह चुनाव ऐसे वक्त में हुआ है जब यहां के किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर है।
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हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार है। माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को इस चुनाव में इसलिए हार का सामना करना पड़ा क्योंकि किसान नाराज है। यहां के आम जनता भी किसानों के साथ है। जजपा के भाजपा के साथ बने रहने का भी असर इस चुनाव में देखने को मिला है। हरियाणा के कई इलाकों में तो जजपा के प्रत्याशियों का बॉयकॉट तक किया गया है। देखना होगा कि यहां से हरियाणा की राजनीति किस ओर जाती है। 2 साल पहले हरियाणा के 5 शहरों में महापौर चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी। 2018 में भाजपा ने हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर में महापौर के चुनाव जीते थे। लेकिन भाजपा को तगड़ा झटका उस वक्त लगा जब सोनीपत के बरोदा विधानसभा उपचुनाव में तमाम कोशिशों के बाद भी उसे हार का सामना करना पड़ा।
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