MP में बढ़ा आसमानी बिजली का कहर, जनवरी से जून के बीच में 89 लोगों की मौत

lightning strikes

मौसम विभाग ने बताया कि इस साल के केवल छह महीनों (जनवरी से जून 2020) में आकाशीय बिजली गिरने के कारण मध्यप्रदेश में 89 लोगों की मौत हुई है, जबकि पिछले वर्ष के पूरे 12 महीनों (जनवरी-दिसंबर 2019) के दौरान सूबे में इन घटनाओं में 82 व्यक्तियों की जान चली गयी थी।

इंदौर। मौसम विभाग ने सचेत किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मध्यप्रदेश में मौजूदा मानसून सत्र के दौरान आसमानी बिजली गिरने का खतरा बढ़ गया है। बिजली गिरने की घटनाओं में इस साल के शुरूआती छह महीनों में सूबे में 89 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की यह तादाद पिछले साल के मुकाबले अधिक है। विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह चंदेल ने बुधवार को बताया कि इस मॉनसून सत्र में आसमानी बिजली गिरने का खतरा गुजरे वर्षों की तुलना में काफी अधिक है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण गरज-चमक वाली आंधि और ओलावृष्टि के दौरान हवाओं की गति पहले की तुलना में काफी बढ़ी पायी गयी है। 

इसे भी पढ़ें: मुबई में भारी बारिश के चलते बंबई उच्च न्यायालय ने ऑनलाइन सुनवाई टाली 

उन्होंने बताया कि इस साल के केवल छह महीनों (जनवरी से जून 2020) में आकाशीय बिजली गिरने के कारण मध्यप्रदेश में 89 लोगों की मौत हुई है, जबकि पिछले वर्ष के पूरे 12 महीनों (जनवरी-दिसंबर 2019) के दौरान सूबे में इन घटनाओं में 82 व्यक्तियों की जान चली गयी थी। चंदेल ने मौसम के पिछले 30 सालों के आंकड़ों के विश्लेषण के हवाले से बताया, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के चलते चरम मौसमी हालात पैदा होने से राज्य में अब कम अवधि में ज्यादा और तेज बारिश होने लगी है, जबकि सतत वर्षा वाले दिन घटे हैं। उन्होंने बताया कि वर्षा के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक असर जबलपुर, रीवा और शहडोल संभागों में नजर आ रहा है, जबकि इंदौर और होशंगाबाद संभागों में इसका प्रभाव सबसे कम है। प्रदेश के बाकी हिस्सों पर जलवायु परिवर्तन का मध्यम असर है। 

इसे भी पढ़ें: UP में झमाझम बरसा पानी 

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने चेताया कि सूबे में तूफानी बारिश की स्थिति में पेड़ गिरने और कमजोर इमारतों के ढहने का खतरा भी पहले से बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनियों के बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तीन मंजिला या इससे ऊंचे भवनों में तड़ित चालक लगाने और जर्जर भवनों को खाली कराने की सिफारिश प्रदेश सरकार से की है। इसके साथ ही, मौसम विभाग के अलर्ट को पंचायत स्तर तक भिजवाने और प्रचारित कराने की व्यवस्था करने को भी कहा गया है ताकि बिजली गिरने से जान-माल का नुकसान कम किया जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़