संक्रमण फैलने के खतरे के चलते जम्मू कश्मीर में 32 और कैदियों को रिहा किया गया

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जम्मू में कोट भलवाल स्थित केंद्रीय कारगार से सर्वाधिक 11 कैदी रिहा किए गए जिनमें से 10 को पीएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था। श्रीनगर के केंद्रीय कारागार से रिहा किए गए कैदियों में से तीन पीएसए के तहत गिरफ्तार किए गए थे, तीन पर मुकदमा चल रहा था और एक अन्य को पैरोल पर छोड़ा गया।

जम्मू। कोविड-19 महामारी फैलने के खतरे के मद्देनजर जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की जेलों में भीड़ कम करने के लिए 32 कैदियों को रिहा कर दिया गया जिनमें से 16 को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इस महीने 236 कैदियों को रिहा किया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “14 से 17 अप्रैल के बीच विभिन्न जेलों से 32 और कैदियों को रिहा किया गया।

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इनमें से 16 जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किए गए थे, छह पर मुकदमा चल रहा था और दो अन्य को पैरोल पर छोड़ा गया है।” उन्होंने कहा कि जम्मू में कोट भलवाल स्थित केंद्रीय कारगार से सर्वाधिक 11 कैदी रिहा किए गए जिनमें से 10 को पीएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था। श्रीनगर के केंद्रीय कारागार से रिहा किए गए कैदियों में से तीन पीएसए के तहत गिरफ्तार किए गए थे, तीन पर मुकदमा चल रहा था और एक अन्य को पैरोल पर छोड़ा गया। अधिकारी ने बताया कि हीरानगर के उप कारागार, जिला कारागार अनंतनाग और जिला कारागार भदरवाह से पीएसए के तहत गिरफ्तार किए गए तीन-तीन कैदियों को रिहा किया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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