पुलवामा में जैश के फिदायीन हमले में CRPF के 30 जवान शहीद
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के तीस जवान शहीद हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 30 जवान शहीद हो गये। यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया।
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पुलिस ने आत्मघाती हमला करने वाले वाहन को चलाने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ है। विस्फोट में 20 से अधिक लोग घायल हो गये। धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है। सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘यह एक विशाल काफिला था तथा करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे। काफिले पर कुछ गोलियां भी चलायी गयी।’
CRPF Official on Pulwama attack: There were 70 vehicles in the convoy and one of the vehicles came under attack. The convoy was on its way from Jammu to Srinagar. https://t.co/B0SaEEU5wE
— ANI (@ANI) February 14, 2019
यह काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे सूर्यास्त तक श्रीनगर पहुंचना था। अधिकारियों ने बताया कि घाटी लौट रहे कर्मियों की संख्या अधिक थी क्योंकि राजमार्ग पर पिछले दो-तीन दिन से खराब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से कोई आवाजाही नहीं हो रही थी। आम तौर पर काफिले में करीब 1000 कर्मी चलते हैं किंतु इस बार कर्मियों की कुल संख्या 2547 थी। अधिकारियों ने बताया कि सड़क पर मार्ग को परखने के लिए एक दल को तैनात किया गया था और काफिले में आतंक निरोधक बख्तरबंद वाहन मौजूद थे। फारेंसिक एवं बम विश्लेषक दल मौके पर पहुंच गये हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि हमले के केन्द्र में रही बस बल की 76वीं बटालियन की थी और उसमें 39 कर्मी सवार थे। कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (अभियान) जुल्फीकार हसन ने इसे वाहन से किया गया हमला करार दिया और कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामले की जांच अपने हाथ में ली है।
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