जेएनयू के 30 छात्रों को जांच में शामिल होने का नोटिस
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू को एक नोटिस देकर उसके 30 छात्रों को गत वर्ष एक कार्यक्रम के दौरान देशद्रोह के कथित नारे लगाने के मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा है।
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू को एक नोटिस देकर उसके 30 छात्रों को गत वर्ष एक कार्यक्रम के दौरान देशद्रोह के कथित नारे लगाने के मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा है। जेएनयू के कुलपति को दिए गए नोटिस में वाम छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों के नाम हैं। नोटिस में जिन छात्रों का नाम दिया गया है उनमें आइसा नेता शहला राशिद और भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा की बेटी अपराजिता राजा के नाम शामिल हैं।
नोटिस में कहा गया है, ‘‘जांच के मकसद से इस मामले में कुछ छात्रों से पूछताछ की जानी है। इस नोटिस के जरिए आपको यह सूचित किया जाता है कि जेएनयू के इन छात्रों को जेएनयू के प्रशासनिक ब्लॉक में मौजूद रहने के निर्देश दिए जाएं।’’ बहरहाल, पुलिस ने कहा कि यह ‘‘नियमित जांच’’ का हिस्सा है। इस मामले की जांच कर रही विशेष शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह नियमित अभ्यास है और हम पिछले कुछ समय से ऐसा कर रहे हैं। हम सिर्फ गवाहों से पूछताछ करना चाहते हैं ताकि किसी भी पक्ष को यह ना लगे कि उन्हें सुना नहीं गया।’’ नोटिस में 27, 28 और 29 अप्रैल की तारीख दी गई हैं लेकिन नोटिस में नामजद छात्र आज जांच में शामिल नहीं हुए।
बहरहाल, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उनके आज जांच में शामिल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र तक दायर नहीं किया है और गवाहों से पूछताछ कर रही है। ऐसी संभावना है कि प्राथमिकी में दर्ज जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के नाम के अलावा आठ और लोगों को आरोप पत्र में नामजद किया जा सकता है। जेएनयू छात्र संघ ने एक बयान में इस नोटिस की निंदा की और इसे विश्वविद्यालय को बर्बाद करने का ‘‘आपराधिक एजेंडा’’ बताया।
अन्य न्यूज़