महाकाल मंदिर में आग लगने से 14 पुजारी झुलसे, मुख्यमंत्री ने सहायता राशि की घोषणा की
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड हो गई है। पुजारी आशीष ने संवाददाताओं से कहा, होली के अवसर पर एक अनुष्ठान के तहत गुलाल फेंके जाने के बाद आग लगी। इससे पुजारी झुलस गए। अधिकारियों ने कहा कि गर्भगृह के सामने नंदी हॉल में घटना के दौरान कुछ वीवीआईपी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, लेकिन भक्तों में से किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
उज्जैन। मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर में सोमवार को भस्म आरती के दौरान आग लगने से सेवकों समेत 14 पुजारी झुलस गये। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि आग सुबह करीब पांच बजकर 50 मिनट पर मंदिर के गर्भगृह में लगी। उन्होंने कहा, चौदह पुजारी झुलस गए। कुछ का इलाज यहां जिला अस्पताल में किया जा रहा है, जबकि आठ ने इंदौर में इलाज की मांग की है। मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसका संचालन जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीना और अपर कलेक्टर अनुकूल जैन करेंगे और तीन दिन में रिपोर्ट सौंपी जाएगी।’’
उन्होंने कहा, आग उस समय लगी जब गुलाल पूजा की थाली पर गिर गया, जिसमें जलता हुआ कपूर था। बाद में यह फर्श पर फैल गया और आग में बदल गया। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश में कहा, उज्जैन के महाकाल मंदिर में हुई दुर्घटना अत्यंत पीड़ादायक है। इस हादसे में घायल हुए (झुलसे) सभी श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देख-रेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है। हालांकि भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि होली के रंगों से बचाने के लिए गर्भगृह की चांदी की दीवारों पर कपड़े लगाए जाते हैं और यह ज्ञात नहीं है कि क्या आग आरती की थाली पर गुलाल फेंकने से गिरने के बाद लगी या फिर गुलाल ने किसी रसायन के साथ प्रतिक्रिया की।
यादव ने उज्जैन पहुंचने के बाद पत्रकारों से कहा कि घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और साथ ही उनका सबसे अच्छा इलाज मुफ्त में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा कि ऐसी घटना दोबारा न हो। यादव ने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता झुलसे लोगों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करना है। महाकाल की कृपा से कोई हताहत नहीं हुआ है। डॉक्टरों को त्वचा पर (होली) रंग के कारण जलने की चोट का पता लगाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड हो गई है। पुजारी आशीष ने संवाददाताओं से कहा, होली के अवसर पर एक अनुष्ठान के तहत गुलाल फेंके जाने के बाद आग लगी। इससे पुजारी झुलस गए। अधिकारियों ने कहा कि गर्भगृह के सामने नंदी हॉल में घटना के दौरान कुछ वीवीआईपी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, लेकिन भक्तों में से किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
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इस बीच, इंदौर स्थित ‘श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स)’ के अध्यक्ष डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि घायलों में से आठ को उनके अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया, सभी आठ लोग 35 से 40 प्रतिशत झुलसे हैं। इनमें से एक व्यक्ति की हालत अन्य से गंभीर है। हमने इलाज शुरू कर दिया है। इस बीच, मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इंदौर स्थित सैम्स पहुंचे और महाकालेश्वर मंदिर में हुई घटना में घायल लोगों का हाल-चाल जाना। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने इस घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की है। शाह ने लिखा कि स्थानीय प्रशासन घायलों के लिए सभी राहत सुनिश्चित कर रहा है।
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