हर्षवर्धन समेत 12 की छुट्टी, सात का हुआ प्रमोशन, सिंधिया, राणे सहित 36 नए चेहरे मंत्रिपरिषद में शामिल
ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवसेना और कांग्रेस से होते हुए भाजपा में आए नारायण राणे और असम में हिमंत बिस्व सरमा के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ने वाले सर्बानंद सोनोवाल समेत 36 नये चेहरे सरकार का हिस्सा बने।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित फेरबदल व विस्तार बुधवार को संपन्न हो गया। इसमें स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सूचना प्रौद्योगिकी के साथ कानून मंत्री का कार्यभार संभाल रहे रविशंकर प्रसाद और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित कुल 12 मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई, जबकि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनाने में मदद करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवसेना और कांग्रेस से होते हुए भाजपा में आए नारायण राणे और असम में हिमंत बिस्व सरमा के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ने वाले सर्बानंद सोनोवाल समेत 36 नये चेहरे सरकार का हिस्सा बने। इस विस्तार और फेरबदल में सात राज्यमंत्रियों को पदोन्नत कर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
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कुल 15 सदस्यों को कैबिनेट मंत्री और 28 को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। सिंधिया और राणे सहित आठ नए चेहरों को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए सभी 43 सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद थे। कुल 12 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या प्रधानमंत्री सहित 78 हो गई है।
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प्रधानमंत्री के रूप में मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ करने के बाद मोदी ने पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार किया है। इस फेरबदल और विस्तार से पहले कई दौर की बैठकें की गई और प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की थी। अधिकांश मंत्रियों ने हिन्दी में शपथ ली जबकि कुछ ने अंग्रेजी में पद व गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में रविशंकर प्रसाद, जावड़ेकर और हर्षवर्धन ने भी हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल से प्रसाद की विदाई ऐसे समय में हुई है जब माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर और सरकार के बीच विभन्न मुद्दों पर विवाद चल रहा है। प्रसाद और जावड़ेकर ने हाल ही में फेसबुक, ट्विटर और ओटीटी जैसे सोशल मीडिया मंचों व अन्य डिजिटल मंचों के लिए नियामकों की घोषण की थी। कोविड-19 की दूसरी लहर लोगों को ऑक्सीजन, जीवन रक्ष दवाओं और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी को लेकर सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इससे सरकार की छवि को खासा धक्का पहुंचा था। माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय से हर्षवर्धन छुट्टी की गई है।
कैबिनेट मंत्री के रूप में महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य नारायण राणे, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री व मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार, मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य राम चंद्र प्रसाद सिंह, ओड़िशा से भाजपा के राज्यसभा सदस्य अश्विनी वैष्णव और लोक जनशक्ति पार्टी के पारस गुट के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने शपथ ली। इनके अलावा किरेन रिजिजू, राजकुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी और मनसुख भाई मांडविया ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इन चारों नेताओं को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
रिजिजू इससे पहले युवक कार्यक्रम और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे और सिंह पहले विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे जबकि पुरी आवासन तथा शहरी विकास और नागर विमानन मंत्रालय में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। मांडविया बंदरगाह, पोत और जलमार्ग परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। भाजपा महासचिव व राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य भूपेंद्र यादव ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
जिन राज्यमंत्रियों को पदोन्नत करके सीधे कैबिनेट मंत्री बनाया गया उनमें पुरुषोत्तम रूपाला, जी किशन रेड्डी और अनुराग सिंह ठाकुर शामिल हैं। रूपाला इससे पहले कृषि राज्यमंत्री थे जबकि रेड्डी गृह राज्यमंत्री और ठाकुर वित्त राज्यमंत्री थे। राज्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से भाजपा के सांसद पंकज चौधरी, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, आगरा के सांसद एस पी सिंह बघेल, कर्नाटक से भाजपा के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर, कर्नाटक के ही उडुपी चिकमंगलूर से सांसद शोभा करंदलाजे, उत्तर प्रदेश के जालौन से पांचवीं बार के सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा, गुजरात के सूरत की सांसद दर्शना जरदोश, नयी दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी, झारखंड के कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी, कर्नाटक के चित्रदुर्ग के सांसद ए नारायणस्वामी, उत्तर प्रदेश के मोहनलाल गंज से सांसद कौशल किशोर, उत्तराखंड के नैनीताल-ऊधमसिंह नगर से सांसद अजय भट्ट, उत्तर प्रदेश के ही खीरी से सांसद अजय मिश्रा, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य बी एल वर्मा, गुजरात के खेड़ा से सांसद चौहान देबू सिंह, कर्नाटक के बीदर से सांसद भगवंत खूबा, महाराष्ट्र के भिवंडी से सांसद कपिल पाटिल, पश्चिम त्रिपुरा की सांसद प्रतिमा भौमिक, पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से सांसद सुभाष सरकार, महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य भागवत कराड, मणिपुर के सांसद राजकुमार रंजन सिंह, महाराष्ट्र के ही दिन्डोरी से सांसद भारती पवार, ओडिशा के मयूरभंज से सांसद विश्वेश्वर टुडु, पश्चिम बंगाल के बनगांव के सांसद शांतनु ठाकुर, गुजरात के सुरेंद्रनगर से सांसद मुंजापरा महेंद्र भाई, पश्चिम बंगाल के अलीद्वारपुर से सांसद जॉन बरला, तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष एल मुरुगन और पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से सांसद निषिथ प्रमाणिक शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए अपने सभी सहयोगियों को बधाई व शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी मिलकर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे तथा मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण करेंगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज शपथ लेने वाले सभी सहयोगियों को मैं बधाई देता हूं और मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं। हम लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने और मजबूत तथा समृद्ध भारत के निर्माण के लिए काम करना जारी रखेंगे।’’ शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ही घंटों बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया।
इसमें मनसुख मंडाविया को स्वास्थ्य मंत्रालय, धर्मेन्द्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय, हरदीप सिंह पुरी को पेट्रोलियम मंत्रालय और अनुराग ठाकुर को सूचना प्रसारण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। नवगठित सहकारिता मंत्रालय का प्रभार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिया गया है। राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री, निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री और एस जयशंकर पूर्व की भांति अपने-अपने मंत्रालयों का कार्यभार देखते रहेंगे। सिंधिया को नागर विमानन मंत्रालय, नारायण राणे को लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमिता मंत्रालय तथा सर्वानंद सोनोवान को पोत, जहाजरानी, जलमार्ग एवं आयुष मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया है। वीरेन्द्र सिंह को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। वहीं, जदयू अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह को इस्पात मंत्रालय दिया गया है।
अश्विनी वैष्णव को रेल, संचार तथा इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया है जबकि पशुपति कुमार पारस को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का प्रभार दिया गया। किरण रिजिजू को विधि एवं न्याय मंत्रालय, भूपेन्द्र यादव को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। धर्मेन्द्र प्रधान को शिक्षा तथा कौशल एवं उद्यमिता मंत्रालय, हरदीप सिंह पुरी को पेट्रोलियम, शहरी विकास एवं आवासन मंत्रालय, अनुराग ठाकुर को सूचना प्रसारण मंत्रालय एवं युवा एवं खेल मंत्रालय का प्रभार दिया गया। गिरिराज सिंह को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय तथा महेन्द्र नाथ पांडे को भारी उद्योग मंत्रालय, जी किशन रेड्डी को संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और पुरूषोत्तम रूपाला को मतस्यिकी, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय दिया गया है।
इनमें पंकज चौधरी को वित्त राज्य मंत्री, अनुप्रिया सिंह पटेल को वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर को कौशल, उद्यमिता एवं इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, शोभा करंदलाजे को कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया है। जिन नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली उनमें 26 लोकसभा के सदस्य हैं जबकि आठ राज्यसभा से हैं। इनमें से मुरुगन और सोनोवाल ऐसे नेता है जो संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। मंत्रिपरिषद में हुए इस फेरबदल व विस्तार में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश को मिला है। यहां से सात सांसदों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है। हालांकि इनमें से किसी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है।
जिन 36 नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है उनमें उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक प्रतिनिधित्व पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और महाराष्ट्र को मिला है। इन राज्यों से चार-चार सांसदों को मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। गुजरात से तीन, मध्य प्रदेश, बिहार और ओड़िशा से दो-दो नेताओं को मंत्री बनाया गया है जबकि उत्तराखंड, झारखंड, त्रिपुरा, नयी दिल्ली, असम, राजस्थान, मणिपुर ओर तमिलनाडु से एक-एक नेता को मंत्रिपरिषद में जगह मिली है। वर्तमान मंत्रिपरिषद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एकमात्र ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने 1998 और 2004 की तत्कालीन वाजपेयी सरकारों में भी काम किया है। भूपेंद्र यादव एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जिन्हें अभी तक कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं रहा है।
वह अभी तक भाजपा संगठन का काम देखते रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षें में एक सांसद के रूप में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री ने इस विस्तार में त्रिपुरा और मणिपुर जैसे छोटे राज्यो को भी जगह दी है। दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। सात महिलाओं को इस मंत्रिपरिषद विस्तार में जगह दी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को मिलाकर अब केंद्रीय मंत्रिपरिषद में महिला मंत्रियों की कुल संख्या नौ हो गई है।
देबश्री चौधरी को मंत्रिपरिषद से आज बाहर का रास्ता दिखा गया। इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्द्धन, सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष कुमार गंगवार सहित 12 मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। इनके अलावा थावरचंद गहलोत, बाबुल सुप्रियो, संजय धोत्रे, रतनलाल कटारिया, प्रतापचंद सारंगी और देवश्री चौधरी ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन सभी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
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