कोरोना संकट से लड़ने में राष्ट्रपति भी आए संक्रिय भूमिका में, गवर्नरों को दिए कई अहम सुझाव
कोरोना देश की सबसे बड़ी आपदा में से एक है और देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं। वैसे तो देश के राष्ट्रपति अमूमन किसी समस्या ने दूर रहते हैं। लेकिन कोरोना से देश की जंग में गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगता है कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कोरोना से जंग की जद्दोजहद में लग गए हैं।
देश में जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। दिल्ली से लेकर मुंबई, बेंगलुरु से लेकर कोलकाता तक कोरोना वायरस के पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 900 के पार चली गई है। जबकि अब तक इस वायरस से 20 लोगों की जान गई है। हालांकि 83 लोग ठीक भी हुए हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा केरल में है, वहीं महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है। केंद्र की मोदी सरकार हो या राज्य की सरकारें अपनी-अपनी तरह से राहत और संक्रमण को तीसरे चरण में पहुंचने से रोकने की दिशा में उठाए गए लॉकडाउन को प्रभावी बनाने में प्रयासरत हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी हर मोर्चे पर खुद ही तैयार हैं और एक तरफ जहां वो कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों, नर्सों और तमाम स्टाफ का हौसला बढ़ा रहे हैं वहीं मदद की हर संभव कोशिशों को राहत पैकेज या अन्य फैसलों के जरिये पूरा भी करवा रहे हैं। कोरोना देश की सबसे बड़ी आपदा में से एक है और देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं। वैसे तो देश के राष्ट्रपति अमूमन किसी समस्या ने दूर रहते हैं। लेकिन कोरोना से देश की जंग में गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगता है कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कोरोना से जंग की जद्दोजहद में लग गए हैं।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर देश के समस्त राज्यपालों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। बैठक में उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, राज्यपाल अनुसुईया उइके सहित अन्य राज्यों के राज्यपाल शामिल थे। वे राज्य जहां कोरोना वायरस संक्रमणों की संख्या अधिक है और जहां पर संक्रमित लोगों की मृत्यु हुई, उनसे विशेष रूप से चर्चा की गई।
दिए कई सुझाव
राष्ट्रपति कोविंद ने सुझाव दिया कि समस्त राज्यपाल अपने राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति पर नजर बनाए रखें और टेस्टिंग किट और अन्य चिकित्सा उपकरण इत्यादि की कमी और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की सलाह आवश्यकता के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा कर सकते हैं। राज्यों में मुख्यमंत्री की मुख्य भूमिका है, उनसे नियमित रूप से या फोन के माध्यम से संपर्क बनाए रखें, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके।
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