Putin को ऐसी चुनौती अमेरिका-यूक्रेन मिलकर भी नहीं दे पाए, आखिर वफ़ादार रसोईया बगावत पर क्यों उतरा?

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अभिनय आकाश । Jun 24 2023 1:55PM

मॉस्को की सड़कों पर हॉट डॉग बेचने वाला शख्स पुतिन का इतना खास कैसे बना। वो इतना ताकवर कैसे हुआ कि सेना और सरकार को ही अब तख्तापलट की चुनौती देने लगा। वैगनर ग्रुप की पूरी कहानी क्या है, ईयू ने इस पर प्रतिबंध क्यों लगा दिया था।

कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर की होती है। ये मौखिक विवरण की तुलना में इसके अर्थ या सार को अधिक प्रभावी ढंग से व्यक्त करता है। इसलिए आज की कहानी सुनाने से पहले आपको दो तस्वीर दिखाते हैं।

रूस के व्लादिमीर पुतिन को एक व्यक्ति खाना सर्व करता हूं नजर आ रहा है। तस्वीर नवंबर 2011 की है उस वक्त पुतिन रूस के प्रधानमंत्री हुआ करते थे। जून 2024 जब एक शख्स दो सैनिकों के कंधों पर हाथ रख आराम से खड़ा नजर आ रहा है। चेहरे पर कठोर भाव भी तस्वीर में साफ नजर आ रहे हैं। वीडियो में 62 वर्षीय येवगेनी प्रिगोझिन ने देश के नेतृत्व को उखाड़ फेंकने के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करने की कसम खाई। इन दोनों तस्वीरों में एक चीन कॉमन है। दरअसल, 2011 में खाना सर्वे करने वाला और 2023 में देश के नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की धमकी देने वाला शख्स एक ही है। इस शख्स का नाम है येवगेनी प्रिगोझिन। आज की कहानी मॉस्को की सड़कों पर हॉट डॉग बेचने वाला शख्स पुतिन का इतना खास कैसे बना। वो इतना ताकवर कैसे हुआ कि सेना और सरकार को ही अब तख्तापलट की चुनौती देने लगा। वैगनर ग्रुप की पूरी कहानी क्या है, ईयू ने इस पर प्रतिबंध क्यों लगा दिया था। पुतिन से इसका क्या कनेक्शन है? 

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पुतिन के लिए यह सबसे साहसी चुनौती 

वैगनर समूह के प्रमुख ने रूसी सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की कसम खाई है। उन्होंने अपने लोगों पर हमले शुरू करने का आरोप लगाया, जबकि देश के अभियोजक जनरल ने कहा कि सशस्त्र विद्रोह के लिए उनकी जांच चल रही है। 62 वर्षीय येवगेनी प्रिगोझिन ने एक ऑडियो संदेश में कहा कि हम आगे बढ़ रहे हैं और हम अंत तक जाएंगे। हम अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को नष्ट कर देंगे। पिछले साल यूक्रेन में आक्रामक हमले की शुरुआत के बाद से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए यह सबसे साहसी चुनौती नजर आ रही है। 

वैगनर ग्रुप क्या है?

वैगनर ग्रुप, जिसे आधिकारिक तौर पर पीएमसी वैगनर कहा जाता है। ये एक रूसी अर्धसैनिक संगठन है जो रूस में कानून से परे काम करता है। यह मूल रूप से एक निजी सैन्य कंपनी और भाड़े के सैनिकों का एक नेटवर्क है। समूह की पहचान पहली बार 2014 में पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी ताकतों का समर्थन करते समय की गई थी। 2014 में यह एक गुप्त संगठन था जो ज्यादातर अफ्रीका और मध्य पूर्व में काम कर रहा था। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि माना जाता है कि इस समूह में रूस की विशिष्ट रेजिमेंटों और विशेष बलों के लगभग 5,000 लड़ाके थे। हालाँकि, जनवरी में, यूके के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वैगनर समूह में अब यूक्रेन में 50,000 लड़ाके शामिल हैं और बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन अभियान में इसने अहम भूमिका निभाई है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्वी यूक्रेन में स्थित बखमुत शहर पर रूस के कब्ज़े में वैगनर ग्रुप का हाथ था। प्रिगोझिन की कंपनी को उसके पहले कमांडर रूसी सेना के विशेष बलों के एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल दिमित्री उत्किनके उपनाम के बाद वैगनर कहा जाता है। इसने जल्द ही क्रूरता और बेरहमी की प्रतिष्ठा स्थापित कर ली। पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने वैगनर के लड़ाकों पर मध्य अफ्रीकी गणराज्य, लीबिया और माली सहित पूरे अफ्रीका में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

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तीन पत्रकार की मौत का मामला

साल 2018 था जुलाई का महीना था। रूस के तीन पत्रकार सेंट्रल अफ्रीकन पब्लिक यानी सीएआर के दौरे पर थे। उन्हें वहां एक डॉक्यूमेंट्री बनानी थी, जिसका विषय था सीएआर में रूसी प्राइवेट मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर की भूमिका। ऐशे ठेकेदार जो भाड़े के सैनिक लाते थे, किसी खास मिशन को अंजाम देने के लिए। जब ये लोग राजधानी से आगे की ओर बढ़े तो थोड़ी ही दूरी पर सुनसान रास्ते में कुछ हथियारबंद लोग रास्ता रोके नजर आए। उन्होंने ड्राइवर को निकाल कर साइड किया और तीनों पत्रकारों को निकालकर गोली मार दी। घटना की जांच के बाद रूस ने कहा कि ये लोग गलत टाइम पर गलत जगह मौजूद थे। वो इलाका खतरनाक है। फिर इसकी एक प्राइवेट जांच हुई मिखाइल खोदोरकोव्स्की की तरफ से मिखाइल खोदोरकोव्स्की रूस के एक वक्त में सबसे अमीर लोगों की सूची में थे। उनकी तरफ से करवाई गई जांच में पता चला कि पत्रकारों की गाड़ी का ड्राइवर घटना वाले दिन सरकारी अफसर के साथ संपर्क में था। फिर वो सरकारी अफसर पत्रकारों के पीछे एयरपोर्ट से ही लगा था। ये अफसर एक रूसी मिलिट्री ट्रेनर के संपर्क में था। उस ट्रेनर ने अमेरिकी नाम वाली एक फर्जी आइडी बना रखी थी, लेकिन असल में वो रूस के प्राइवेट मिलिट्री ग्रुप वेगनर के लिए काम करता था। तीनों पत्रकार इसी ग्रुप की जांच के लिए आए थे। 

वैगनर ग्रुप और रूस क्यों लड़ रहे हैं?

इस साल जनवरी में प्रिगोझिन ने यूक्रेन में डोनेट्स्क क्षेत्र के नमक-खनन शहर सोलेडर पर कब्जा करने का पूरा श्रेय लिया और रूसी रक्षा मंत्रालय पर वैगनर की ग्लोरी को चुराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बार-बार शिकायत की है कि रूसी सेना वैगनर को बखमुत पर नियंत्रण के लिए पर्याप्त गोला-बारूद उपलब्ध कराने में विफल रही और उन्होंने अपने लोगों को बाहर निकालने की धमकी दी। यूक्रेन में वैगनर  सैनिकों ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया जिसमें उन्होंने रूसी सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव पर गोला-बारूद उपलब्ध कराने में विफल रहने का आरोप लगाया। 

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रेस्टोरेंट में हुई थी पुतिन से दोस्ती 

शुरुआत में येवगेनी हॉट डॉग का स्टॉल लगाते थे। बाद में अमीर लोगों के लिए उन्होंने रेस्टोरेंट खोल दिया। जिसके बाद देखते ही देखते ये रेस्तरां सेंट-पीटर्सबर्ग का फैशनेबल डाइनिंग स्पॉट बन गया। कहां जाता है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन खुद वहां पर खाना खाने आते थे। वहीं से वह पुतिन के संपर्क में आ गए। पुतिन 2002 में अमेरिकी राष्ट्रपति को भी येवगेनी के रेस्तरां लेकर आए थे। पुतन के संपर्क में आने के बाद येवगेनी को सेना की कैटरिंग के ठेके भी मिलने लगे। येवगेनी फिर पुतिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर से जुड़ गए। 

 9 साल जेल में गुजारे हैं

वेगनर फोर्स काफी प्रभावी माना जाता है। रूसी कोर्ट के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, येवगेनी को 1981 में मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी में दोषी ठहराया गया था और 13 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सोवियत यूनियन के पतन के 9 साल बाद येवगेनी को रिहा कर दिया गया। रूस यूक्रेन युद्ध ने येवगेनी को मजबूत किया। येवगेनी खुलकर रूसी रक्षा मंत्रालय की आलोचना करते नजर आए। येवगेनी की आलोचना पर पुतिन ने चुप्पी साधे रखी। 

पुतिन के खिलाफ क्यों छेड़ी जंग

येवगेनी प्रिगोझिन ने दावा किया है कि रूसी सेना ने वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल हमला किया। उन्होंने इसके लिए क्रेमलिन को जिम्मेदार ठहराया है। प्रिगोझिन ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई, ये कहते हुए कि उनकी सेना बाधाओं और विमानों सहित किसी भी प्रतिरोध को खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि हममें 25 हजार लोग हैं और हम ये पता लगाने जा रहे हैं कि देश में इतनी अराजकता क्यों है। प्रिगोझिन के बाद में रूसी सैन्य नेतृत्व की उनकी आलोचना करते हुए वैगनर ग्रुप के मॉस्को कूच करने को न्याय का मार्च बताया। लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसके और क्रेमलिन के बीच अब सब खत्म हो गया है। 

इस चुनौती से कैसे पार पाएंगे पुतिन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की ने मिलकर रूस के हमले का मुकाबला किया। जिस युद्ध को पुतिन आसानी से जीता हुआ मान रहे थे उसे सवा साल गुजर जाने के बाद भी पूरा नहीं कर सके हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और यूक्रेन के शहरों को दहलाना जारी रखा। उसके कई इलाकों पर अपना कब्जा भी जमा लिया। पश्चिमी देशों के बैन और यूक्रेन को मुहैया करवाए गए आधुनिक हथियारों से बेपहरवाह पुतिन तो बस हर चुनौती को पार पाने की ठान बैठे हैं। लेकिन अपने ही खास से मिले इस बगावत ने उन्हें थोड़ा परेशान जरूर किय। तभी तो वैगनर चीफ की तख्तापलट की धमकी के बाद पुतिन का राष्ट्र के नाम संबोधन भी आया। जिसमें उन्होंने इसे देशद्रोह करार देते हुए कठोर से कठोर सजा देने की बात कही है। इसके साथ ही रूसी सेना को एक्शन मोड में आने का निर्देश दे दिया है। 

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