India Trade with US China: भारत जितना ज्यादा अमेरिका को करेगा एक्सपोर्ट, उतना चीन से बढ़ेगा इम्पोर्ट, जानें क्या है व्यापारिक साझेदारी की ये गुत्थी
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के केंद्र में आर्थिक जुड़ाव गहरा रहा है और द्विपक्षीय संबंधों को वैश्विक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिए दोनों पक्ष संकल्पित नजर आ रहे हैं। आपको याद दिला दें कि 25 साल पहले, भारत अमेरिकी प्रतिबंधों के अधीन था।
भारतीय राजनीति के इतिहास में 20 जून से 24 जून ऐतिहासिक दिनों के रूप में याद किया जाएगा। नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर एक आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। आजादी के बाद मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे, जो अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। अभी तक किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने दो बार अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित नहीं किया था। एक ऐसा सम्मान जो पहले विंस्टन चर्चिल, नेल्सन मंडेला और इज़राइल के प्रधानमंत्रियों बिन्यामिन नेतन्याहू और यित्ज़ाक राबिन सहित कुछ ही नेताओं को दिया गया है।
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दोनों देशों के बीच व्यापार 191 अरब डॉलर तक पहुंचा
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के केंद्र में आर्थिक जुड़ाव गहरा रहा है और द्विपक्षीय संबंधों को वैश्विक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिए दोनों पक्ष संकल्पित नजर आ रहे हैं। आपको याद दिला दें कि 25 साल पहले, भारत अमेरिकी प्रतिबंधों के अधीन था। मोदी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापार का मूल्य रिकॉर्ड 191 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। जिससे अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। अमेरिका के लिए भारत नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
अमेरिकी कंपनियों ने किया 60 बिलियन डॉलर का निवेश
अमेरिकी कंपनियों ने भारत में विनिर्माण से लेकर दूरसंचार और उपभोक्ता वस्तुओं से लेकर एयरोस्पेस तक के क्षेत्रों में लगभग 60 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के वार्षिक भारत विचार शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में बताया कि भारतीय कंपनियों ने आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में 40 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। इसके अलावा फरवरी में एयर इंडिया ने 200 से अधिक बोइंग विमानों की खरीद की घोषणा की। एक ऐतिहासिक सौदा जिसके बारे में राष्ट्रपति बाइडेन ने 14 फरवरी 2023 को कहा कि मुझे आज एअर इंडिया और बोइंग के बीच एक ऐतिहासिक समझौते के माध्यम से 200 से अधिक अमेरिकी निर्मित विमानों की खरीद की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। यह खरीद 44 स्टेट में दस लाख से अधिक नौकरियों का समर्थन करेगी और कई को चार साल की कॉलेज डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी।
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आईपीईएफ के भविष्य पर बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ व्यापार संबंधों में सुधार, तकनीक और रक्षा सहयोग को गहरा करने के साथ-साथ इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) के भविष्य पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत 14 देशों के ब्लॉक आईपीईएफ के व्यापार स्तंभ में शामिल हो और 2023 के अंत तक सभी स्तंभों पर बातचीत समाप्त करना चाहता है। जबकि भारत आईपीईएफ के व्यापार स्तंभ पर अमेरिका के प्रस्तावों को लेकर इसकी रूपरेखा के बारे में स्पष्टता आने तक वेट एंड वॉच की स्थिति में है। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत कृषि क्षेत्र में स्थानीय उद्योग और आजीविका की रक्षा के लिए आईपीईएफ व्यापार स्तंभ में शामिल होने के लिए अनिच्छुक है। आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था पर भारत पहले ही IPEF के 3 स्तंभों में शामिल हो चुका है।
भारत का अमेरिका को निर्यात | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 |
माल | 54.28 | 57.69 | 51.19 | 73.37 |
सर्विस | 28.87 | 29.74 | 25.84 | 28.98 |
कुल | 83.16 | 87.43 | 77.03 | 102.35 |
अमेरिका का भारत को निर्यात | 2018 | 2019 | 2020 | 2021 |
माल | 33.19 | 34.29 | 27.39 | 39.94 |
सर्विस | 25.20 | 24.33 | 17.42 | 16.72 |
कुल | 58.39 | 58.62 | 44.82 | 56.66 |
चीन को क्यों लग रही है मिर्ची
भारत के अमेरिका संग व्यापार से चीन तिलमिला उठा है। उसके पूर्व विदेश मंत्री और वुल्फ वॉरियर डिप्लेमसी के प्रणेता वांग यी ने सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स में लेख लिखकर भारत को चेताने की कोशिश की है। वांग यी ने कहा कि भारत को अमेरिका के जियोपॉलिटिकल जोड़-तोड़ से बचना चाहिए। अमेरिका चीन को रोकने के लिए ये सेल्फिश गेम खेल रहा है। अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग वर्तमान में बढ़ रहा है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक वित्तीय वर्ष में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। अगर व्यापार गति जारी रहती है तो ये भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ देगा। इसके साथ ही चीन ने कहा कि अमेरिका से व्यापार करके फायदे में भारत तो रहेगा। लेकिन भारत जितना ज्यादा अमेरिका को एक्सपोर्ट करेगा उतना ज्यादा उसे चीन से इम्पोर्ट करने की जरूरत पड़ेगी।
चीन से बढ़ा भारत का आयात
वित्त वर्ष 2022-23 में जहां अमेरिका को भारत का निर्यात स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है। वहीं चीन से भारत का आयात भी काफी बढ़ गया है। भारतीय आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में अमेरिका को भारत का निर्यात 2.81 प्रतिशत बढ़कर 78.31 अरब डॉलर पहुंच गया। इस दौरान, चीन से भारत का आयात 4.16 प्रतिशत बढ़कर 98.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया। चीन भारत के लिए शीर्ष आयात स्रोत के रूप में बरकरार है।
भारत के पिछले वर्ष के ट्रेंड पर एक नजर
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डेटा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022–23 में भारत का कुल व्यापार 1164.19 बिलियन डॉलर का हुआ था। जिसमें $450.06 बिलियन का निर्यात और $714.13 बिलियन का आयात हुआ। जिसमें व्यापार घाटा $267.07 बिलियन का रहा। जिसमें सबसे ज्यादा घाटा हमें चीन से हुआ, जहां से भारत इम्पोर्ट अधिक करता है।
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