Donald के सामने Democrat का ट्रंप कार्ड कितना कारगर, कमला के कमाल से बदल जाएगा अमेरिकी चुनाव के हवा का रुख

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अभिनय आकाश । Jul 25 2024 2:14PM

साल 1972 में बाइडेन ने पहली बार सीनेट का चुनाव जीता। जीतने के दो हफ्ते बाद वो तीस के हुए थे। सीनेटर बनने के लिए कम से कम उम्र 30 साल होनी चाहिए। जब तक बाइडेन शपथ लेते तभी सड़क हादसे में उनकी बेटी और पत्नी की मौत हो गई।

21 जुलाई को जो बाइडेन ने राष्ट्रपति चुनाव से हटने का ऐलान कर दिया। वो डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से दावेदारी पेश कर रहे थे। नाम वापस लेने के बाद उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को समर्थन दिया। इस फैसले की जनाकारी उनके करीबी लोगों और स्टॉफ तक को नहीं था। और तो और कुछ घंटे पहले तक बाइडेन की टीम ये दावा कर रही थी कि वो रेस में बने हुए हैं और उनके पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है। ऐसे में आज आपको बताएंगे कि जो बाइडेन ने अचानक अपनी दावेदारी वापस क्यों ली, कमला हैरिस क्या ट्रंप को हरा सकती हैं और सबसे अहम इन सब का अमेरिका के चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? 

जनवरी 2021 में जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 78 साल की उम्र में इस शपथ के साथ ही वो अमेरिकी इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति में अपना नाम दर्ज करवा लिया। उनके कार्यकाल के आखिरी बरस में उनकी उम्र का असर दिखने लगा। जुबान लड़खड़ाने लगे और वो चीजों को भूलने लगे। फिर ये चर्चा तेज हो चली कि राष्ट्रपति पद के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय होनी चाहिए। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब कम उम्र होने की वजह से उन्हें अमेरिकी संसद पहुंचने में देरी हुई थी। दरअसल, साल 1972 में बाइडेन ने पहली बार सीनेट का चुनाव जीता। जीतने के दो हफ्ते बाद वो तीस के हुए थे। सीनेटर बनने के लिए कम से कम उम्र 30 साल होनी चाहिए। जब तक बाइडेन शपथ लेते तभी सड़क हादसे में उनकी बेटी और पत्नी की मौत हो गई। तब बाइडेन ने राजनीति छोड़ने का मन बना लिया था। लेकिन उनके दोस्तों ने उन्हें मनाया। फिर 36 सालों तक सीनेट में रहे। दो बार राष्ट्रपति चुनाव में हाथ आजमाने की कोशिश सफल नहीं हो सकी। साल 2020 में नॉमिनेशन फाइल किया औऱ फिर ट्रंप को हराकर राष्ट्रपति बने। इधर ट्रंप लगातार किसी न किसी वजह से खबरों में बने रहे। डेमोक्रेटिक पार्टी को प्राइमरी इलेक्शन में कोई बड़ी चुनौती नहीं मिली। अगस्त के महीने में नेशनल कॉन्वेंशन होने वाला था जिसमें बाइडेन की उम्मीदवारी पर मुहर लगने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही वो पीछे हट गए। 

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नेशनल कन्वेंशन पर निगाहें

पार्टी का नेशनल कन्वेंशन 19 अगस्त को है। इसके लिए सारी व्यवस्था हो चुकी है। चुनाव में अब 105 दिन ही बचे हैं। इसलिए कमला हैरिस ने देशवासियों, खासकर डेमोक्रेट सदस्यों से दो-टूक अपील की, 'आइए, हम सभी एकजुट होकर लड़ें, मिलजुल मिलजुल कर चुनाव जीतें।' इस अपील का असर भी हुआ। डेमोक्रेट बहुल कैलिफोर्निया के गवर्नर गेवन न्यूसम ने उनके समर्थन की घोषणा कर दी। देखते ही देखते कमला हैरिस के समर्थन में एक दर्जन डेमोक्रेट बहुल राज्य और आ गए। 

ओबामा का समर्थन नहीं

कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल रह चुकी हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति पद पर रहते हुए इमिग्रेशन और गर्भपात जैसे बड़े मुद्दों पर बड़ी सुर्खियां बटोरी हैं। इसके विपरीत डॉनल्ड ट्रंप चार आपराधिक मामलों में कसूरवार और 91 अदालती मामलों अभियुक्त रह चुके हैं। हालांकि ट्रंप को सभी मामलों में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है, लेकिन एक बड़ा वर्ग आज भी उनके वैयक्तिक चाल-चलन से नाखुश है। जिन चार राज्यों के गवर्नर चुनावी राजनीति में आगे आना चाहते हैं, वे सभी लोकप्रियता में कमला हैरिस से बहुत पीछे है। इसके बावजूद शीर्षस्थ डेमोक्रेट बराक ओबामा सहित सीनेट और प्रतिनिधि सभा के नेता कमला का समर्थन नहीं कर पाए। 

क्या हैरिस ट्रंप को हरा सकती हैं?

बाइडेन द्वारा हैरिस के समर्थन ने डेमोक्रेट्स को उत्साह से भर दिया है। पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी सहित वरिष्ठ हस्तियों द्वारा उनके लिए समर्थन बढ़ाना इस बात का संकेत है कि पार्टी ने ट्रम्प के खिलाफ जाने के लिए उन पर भरोसा किया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के अग्रणी उम्मीदवार ने बाइडेन के पीछे हटने के बाद 36 घंटों में दान में 100 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं। हैरिस इस दौड़ में सबसे युवा उम्मीदवार हैं क्योंकि बाइडेन की उम्र जैसी चिंता उन पर लागू नहीं होती है। इसके उलट, 78 साल के ट्रंप ही उनसे उम्र में ज्यादा हैं। रिपब्लिकन के खिलाफ वाले लोगों से हैरिस के अभियान को फायदा हो सकता है। द हिल एंड डिसीजन डेस्क मुख्यालय (डीडीएचक्यू) द्वारा बनाए गए वोटिंग पर्सेंट के अनुसार, 53 प्रतिशत अमेरिकी ट्रम्प को अनुकूल रूप से नहीं देखते हैं। फाइव थर्टीआठ मतदान के अनुसार, जो बाइडेन के बाहर होने से पहले आयोजित किया गया था, लगभग 51 प्रतिशत अमेरिकियों ने हैरिस को अस्वीकार कर दिया, जबकि 38 प्रतिशत ने अनुमोदन किया। यह नापसंदगी ट्रंप के लिए अधिक थी, जिन्हें 53 प्रतिशत अमेरिकियों ने पसंद नहीं किया, जबकि 39 प्रतिशत ने उनका समर्थन किया।

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गर्भपात का मुद्दा भी हैरिस को ट्रम्प पर बढ़त देता है, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रो वी वेड को पलटने का एकमात्र श्रेय लिया था। जहां भी गर्भपात के अधिकार मतपत्र पर थे, डेमोक्रेट्स ने राज्य चुनाव जीते हैं, यहां तक ​​कि कंसास और केंटकी जैसे रूढ़िवादी राज्यों में भी। ट्रम्प को इसका एहसास हो गया है और उन्होंने गर्भपात के खिलाफ अपनी बयानबाजी कम कर दी है।  अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति हो सकती हैं। उम्मीद की जाती है कि वह प्रजनन अधिकारों को अपने प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक बनाएंगी और इस मुद्दे पर ट्रम्प को आड़े हाथों लेंगी। उनका संभावित डेमोक्रेटिक नामांकन भी ऐतिहासिक है क्योंकि वह अमेरिका की पहली अश्वेत महिला राष्ट्रपति बन सकती हैं। यदि वह नवंबर की दौड़ जीत जाती हैं, तो वह एशियाई विरासत की पहली अमेरिकी राष्ट्रपति होंगी।

एक दिन में ही जुटाए 100 मिलियन डॉलर का फंड

उपराष्ट्रपति को वह धनराशि भी विरासत में मिली है जो संभावित उम्मीदवार के रूप में पद छोड़ने से पहले जो बिडेन को दान की गई थी। पहली राष्ट्रपति बहस में जो बिडेन के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, कई दानदाताओं ने उनके प्रतिस्थापन की मांग की थी और वित्तीय सहायता वापस लेने की धमकी दी थी। यही एक कारण है कि राष्ट्रपति ने अपना चुनाव अभियान ख़त्म करने का फ़ैसला किया था। पार्टी के कई समर्थकों और स्वयंसेवकों ने 81 मिलियन डॉलर का दान दिया, जिसे छोटे डॉलर का दान बताया जा रहा है। उनकी अभियान टीम को बड़े दानदाताओं से 150 मिलियन डॉलर का दान भी मिला। इसे अमेरिका के इतिहास में 24 घंटे के अंदर मिला अब तक का सबसे ज्यादा दान बताया जा रहा है। कुल 231 मिलियन डॉलर की यह राशि बिडेन द्वारा अपना चुनाव अभियान समाप्त करने के फैसले के 24 घंटे के भीतर प्राप्त हुई है।

हैरिस के लिए क्या गलत हो सकता है?

यदि ट्रम्प अलोकप्रिय हैं, तो हैरिस भी अलोकप्रिय हैं। द हिल/डीडीएचक्यू मतदान औसत के अनुसार, हैरिस राष्ट्रीय स्तर पर ट्रम्प से लगभग 3 प्रतिशत अंक पीछे हैं। औसत से पता चलता है कि उनकी अस्वीकृति रेटिंग 56 प्रतिशत थी, जबकि केवल 38 प्रतिशत अमेरिकियों ने उन्हें अनुकूल रूप से देखा था। जैसा कि द हिल ने कहा, इसका मतलब यह है कि उनकी उम्मीदवारी के लिए डेमोक्रेटिक उत्साह ज़मीनी मतदाताओं के बीच दोहराया नहीं गया है। एक महिला राष्ट्रपति, वह भी एक अश्वेत महिला, को चुनने के प्रति मतदाताओं का पूर्वाग्रह, हैरिस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।

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