Paris Paralympics 2024: भारत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, जानें पैरालंपिक में ओलंपिक से ज्यादा मेडल जीतने का कारण
पैरालंपिक 2024 अपनी समाप्ति की ओर बढ़ चुका है। इस पैरालंपिक में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा, इस बार भारत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अभी तक 27 मेडल अपने नाम कर दिए हैं। ये भारतीय खेल प्रेमियों के लिए खुशी और गर्व की बात है।
पेरिस पैरालंपिक 2024 अपनी समाप्ति की ओर बढ़ चुका है। इस पैरालंपिक में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा, इस बार भारत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अभी तक 27 मेडल अपने नाम कर दिए हैं। ये भारतीय खेल प्रेमियों के लिए खुशी और गर्व की बात है। लेकिन इसके सात ही कई लोग इस सफलता से हैरान भी हैं।
ओलंपिक 2024 में भारत ने इस बार सबसे बड़ा 110 खिलाड़ियों का दल भेजा था। इसके बावजूद भारत एक रजत और पांच कांस्य पदक यानी कुल 6 मेडल ही जीते। इसके अलावा 6 खिलाड़ियों ने चौथा स्थान हासिल किया था।
जबकि पैरालंपिक 2024 में भारत की तरफ से 84 खिलाड़ियों का दल गया है और इन खिलाड़ियों ने ओलंपिक से चार गुणा ज्यादा मेडल अपने नाम किए हैं। जिससे पूरे देश के लोग हैरान हैं कि, ओलंपिक के मुकाबले पैरालंपिक खेलों में बेहतर प्रदर्शन कैसा किया है?
वैसे तो इन दोनों टूर्नामेंट की आपसी तुलना ठीक नहीं है। क्योंकि दोनों ही इवेंट में प्रतियोगिताओं का स्तर अलग-अलग होता है। साथ ही इसमें हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक क्षमता भी अलग होती है। जहां ओलंपिक में किसी भी खिलाड़ी के शारीरिक स्तर की परीक्षा होती है या फिर इंसान का शरीर कितनी क्षमता रखता है उसका परीक्षण करता है। दूसरी तरफ पैरालंपिक में किसी व्यक्ति के दृढ़ संकल्प और साहस का परीक्षण होता है।
पैरालंपिक में ओलंपिक की तुलना में ज्यादा मेडल दिए जाते हैं और कम देश इसमें हिस्सा लेते हैं। पेरिस ओलंपिक में जहां 204 देशों के एथलीट्स ने 32 खेलों में 329 गोल्ड मेडल के लिए हिस्सा लिया जबकि पैरालंपिक में 170 टीमें 22 खेलों में 549 गोल्ड मेडल के लिए हिस्सा ले रही हैं।
ऐसे में स्वाभाविक तौर पर पैरालंपिक में पदक जीतने की संभावना ज्यादा होती है और जो देश दोनों में ही यानी पैरालंपिक और ओलंपिक में हिस्सा लेते हैं, उनके लिए पैरालंपिक में ज्यादा पदक जीतने की संभावना होती है।
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