अजीब सवाल गजब जवाब (व्यंग्य)

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Prabhasakshi

पत्रकार– क्या कौन की पहचान अवस्था के हिसाब से होता है? मैं– हाँ। बिल्कुल होता है। बाल्यकाल में बाल्यावस्था। यौवन में युवावस्था। बुढ़ापे में वृद्धावस्था और अंत में बोरिया-बिस्तर लपेटकर जाने की अवस्था।

एक पत्रकार ने मुझसे पूछा – आप कौन हैं?

मैंने कहा– किस अवस्था में?

पत्रकार– क्या कौन की पहचान अवस्था के हिसाब से होता है?

मैं– हाँ। बिल्कुल होता है। बाल्यकाल में बाल्यावस्था। यौवन में युवावस्था। बुढ़ापे में वृद्धावस्था और अंत में बोरिया-बिस्तर लपेटकर जाने की अवस्था।

पत्रकार खीझते हुए – कौन का मतलब आप किस जात के हैं? इस हिसाब से आपकी कोई न कोई जात तो होगी ही?

मैं– जब कोई नहीं होता तो मैं एकाकी होता हूँ। प्रेयसी के साथ होता हूँ तो प्रेमी होता हूँ। शादी-शुदा होने पर संसारी होता हूँ और न होने पर ब्रह्मचारी।

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पत्रकार गुस्साते हुए – मेरे कहने का मतलब यदि आप हिंदू है तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र किस जात के हैं? यदि किसी और धर्म के हैं तो किस जात के हैं?

मैं– जब धन होता है तो धनिक होता हूँ। नहीं होता तो निर्धन होता हूँ। भगवान को मानने पर आस्तिक और नहीं मानने पर नास्तिक होता हूँ।

पत्रकार पगलाते हुए – भैया क्या सच में तुम्हारी कोई पहचान नहीं है?

मैं– यही तो बता रहा हूँ। बिल्कुल मेरी अपनी पहचान है। यात्रा करता हूँ तो यात्री, तंत्र का जादू दिखाता हूँ तो तांत्रिक, मंत्र उच्चरित करता हूँ तो मांत्रिक, भाषण देता हूँ तो नेता और राशन लेता हूँ तो दरिद्र होता हूँ।

पत्रकार हाथ जोड़ते हुए – महाराज सच बताइए आप कौन हैं?

मैं– सच ही बता रहा हूँ। सभ्यता के द्वार से निकला नागरिक हूँ। पंचांगों पर विश्वास करने वाला भोला हूँ और अंधविश्वासों पर विश्वास करने वाला मूर्ख हूँ।

पत्रकार अंत में बाल नोचते हुए – कम से कम इतना तो बताइए आपकी आयु कितनी है?

मैं– कुछ के लिए तू हूँ तो कुछ के लिए तुम और कुछ के लिए आप। साथ वालों के लिए समकालीन और आने वालों के लिए पूर्वज हूँ।  

पत्रकार - अब मुझसे पूछा नहीं जाता। एक अंतिम प्रश्न का उत्तर तो ठीक-ठीक दीजिए – आप कहाँ से हैं?

मैं– इस मिट्टी में जन्मा हूँ। इस मिट्टी पर रहता हूँ और आगे चलकर इस मिट्टी में मिल जाऊँगा। कुल मिलाकर मिट्टी मेरी पहचान है।

इतना सुनना भर था कि पत्रकार वहाँ से नौ दो ग्यारह हो जाता है।

- डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'

(हिंदी अकादमी, मुंबई से सम्मानित नवयुवा व्यंग्यकार)

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