नौकरी हो .....सरकारी (व्यंग्य)

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Prabhasakshi
संतोष उत्सुक । Apr 12 2024 4:40PM

नेता आजकल नौकरी की बात भी कर रहे हैं। सोचता हूं कहीं से इंजीनियरिंग करके निर्माण विभाग में जेई लग जाऊंगा। दो तीन साल में अपना मकान होगा, घर का खर्च तो परसेंटेज से ही चल जाता है। सुना है इतना फायदा दूसरे विभाग में नहीं।

सबसे बड़े चुनाव का मौसम हो और हज़ारों नेता सरकारी नौकरी की सौगात की बात कर रहे हों तो बेरोजगार मोहित होने लगते हैं। खुद से ही नहीं एक दूसरे से कहने लगते हैं, नौकरी तो हम सरकारी ही करेंगे।  वे मानते हैं कि प्राइवेट नौकरी में पैसा ज़्यादा है लेकिन मेहनत भी कम नहीं। सरकारी नौकरी के ख़्वाब लेने वाले मोहित से रोहित ने पूछा, कौन सी नौकरी पर मोहित हो रहे हो। मोहित बोला, हमारे भीतर इतनी प्रतिभा तो कूट पीट कर भरी नहीं कि सिविल सर्विस का मैच जीतें। सूटबूट, एसी कमरा, चमचमाता टेबल, चाय पीने के लिए बढ़िया टी सेट। 

लौट आओ डीसी साहब, अब दिनभर मीटिंग ही करते रहोगे, बात को ज़रा सीधे खडा करो और किसी दूसरे विभाग के बारे में सोचो, रोहित ने कहा। चल यार पहले चाय पीते हैं फिर सोचकर बयान देते हैं, मोहित बोला।  चाय की दुकान सामने थी। उधार में एक बटा दो चाय बनवाई तो चाय वाले ने, तीन कप खून जलाकर कुढ़ते हुए उनके खाते में चाय के साथ गालियां भी जड़ दी, यह सोचते हुए कि शायद इस तरीके से हिसाब जल्दी चुक जाए। 

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रोहित ने बताया उसका पड़ोसी सेलेब्रिटी सिंगर हो गया है। हर कहीं शो कर, हर कुछ गाकर कमा रहा है। कन्याएं आजकल कुछ भी पहन कर मटकती रहती हैं। तू भी ट्राई कर न। मोहित बोला, अपना बकवास गला कहां कुछ गा पाएगा। चेहरा भी जख्मी सा है, सरकारी नौकरी के लिए फिट है। नेता आजकल नौकरी की बात भी कर रहे हैं। सोचता हूं कहीं से इंजीनियरिंग करके निर्माण विभाग में जेई लग जाऊंगा। दो तीन साल में अपना मकान होगा, घर का खर्च तो परसेंटेज से ही चल जाता है। सुना है इतना फायदा दूसरे विभाग में नहीं।  

रोहित ने कहा ख़्वाब अच्छा है। मोहित ने समझाया, सरकारी नौकरी लम्बे सीरियल की तरह होती है, एक बार रोल मिल जाए तो भुगतान  नियमित मिलता रहता है। जब चाहे छुट्टी ले लो। रोहित बोला, दादा यह तो बताओ कौन सा सीरियल करोगे। शिक्षा विभाग बढ़िया है, खूब छुटियां, ट्यूशन से भी कमा सकते हैं जिस पर कोई टैक्स नहीं। पढने वालों का भी भला हो जाता है और उनके मां बाप भी काबू में रहते, कोई काम करवाना हो तो झट से... मोहित ने फिर ख़्वाब देखा। अगर तू अध्यापक लग गया तो शादी किसी अध्यापिका से कर लेना, वारे न्यारे हो जाएंगे रोहित ने उत्साह बढाया।

इस नौकरी पर मोहित और मोहित होते हुए बोला, हां यार ऐसा हो जाए तो ज़िंदगी बन जाए। बस थोड़ी सी दिक्कत तब आती है जब ट्रांसफर होती है। कोई परेशानी नहीं होती प्यारे एक बार सरकारी नौकरी लग जाए तो कर्मचारी उसी पार्टी का होता है जिसकी सरकार हो। पहले सरकारी नौकरी हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए बाक़ी तो धीरे धीरे गुरुओं से गुर सीखकर बंदा गुरु हो जाता है। दूसरों को सिखाना शुरू कर देता है।

रोहित और मोहित ने मिलकर प्रस्ताव पास किया कि जब वह नौकरी लायक होंगे, उनकी प्राथमिकता किसी भी तरह सरकारी नौकरी हासिल करने की रहेगी। अभी समय है, अभी तो दोनों सोलह बरस के हैं।  

- संतोष उत्सुक

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