Shardiya Navratri 2024: आखिर नवरात्रि में क्यों बोई जाती हैं जौ? जानें इससे पीछे जुड़ी मान्यता

Shardiya Navratri 2024
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इस साल शारदीय नवरात्रि में 3 अक्टूबर 2024 से आरंभ हो रहा है और यह 11 अक्टूबर तक चलेगा। दरअसल, हर साल 4 नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्र महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्रि के पहले दिन लोग जौ को जरुर बोते हैं। आइए जानते हैं जौ बोई क्यों जाती है।

नवरात्रि से भारत में फेस्टिवल की झड़ी लग जाएगी। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 11 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। गौरतलब है कि साल में चार नवरात्र आते हैं। जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्र महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं, माघ और आषाढ़ के नवरात्र में गुप्त माने जाते हैं। गुप्त नवरात्रि का व्रत योगी साधू रखते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि में 3 अक्टूबर 2024 से आरंभ हो रहा है और यह 11 अक्टूबर तक चलेगा। नौ दिनों में उपवास रखकर मां दुर्गा देवी की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कई लोग जौ की बुवाई करते हैं। आइए जानते हैं, नवरात्रि के पहले दिन जौ की बुवाई क्यों की जाती है।

नवरात्रि में जौ क्यों बोई जाती है

शास्त्रों के अनुसार, जब सृष्टि की रचना हुईं तो सबसे पहले जौ की फसल की थी। इसलिए जब भी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, तो हवन में जौ चढ़ाया जाता है।  धार्मिक मान्यता के अनुसार, जौ को ब्रह्मा माना जाता है। जौ किस तेजी से बढ़ रहा है इसके पीछे कई शुभ और अशुभ संकेत छिपे होते हैं।

जौ देते हैं भविष्य के संकेत

जौ का तेजी से बढ़ना घर में सुख समृद्धि का संकेत माना जाता है। अगर जौ घनी नहीं उगती है या ठीक से नहीं उगती है तो इसे घर के लिए अशुभ माना जाता है। इतना ही नहीं, अगर जौ काले रंग के टेड़-मेढ़े उगते हैं तो अशुभ माना जाता है। आपको बता दें कि, जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो तो इसका मतलब आने वाले साल का आधा समय ठीक रहेगा। वहीं, जौ का रंग नीचे से आधा हरा और ऊपर से आधा पीला हो, तो इसका मतलब है कि साल की शुरुआत अच्छी होगी। लेकिन बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं आपकी बोई हुई जौ सफेद या हरे रंग की हो रही है तो यह बहुत शुभ माना जाता है।

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