Astrology Tips: शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण पर भूलकर भी न करें ऐसे काम, वरना पड़ सकते हैं लेने के देने

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आज यानी की 29 मार्च दोपहर 02:20 मिनट से साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है, जोकि शाम 06:16 मिनट पर समाप्त होगा। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के दौरान किन कामों को करने से बचना चाहिए औऱ कौन से काम करना शुभ माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में 29 मार्च 2025 की तारीख को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है, तो वहीं इस दिन शनि अमावस्या भी पड़ रही है। ऐसे में 29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का दुर्लभ संयोग बन रहा है। धार्मिक मान्यता है कि शनि अमावस्या पर शनि देव का प्रभाव रहता है। तो वहीं यह दिन शनि की ढैय्या और साढ़े साती जैसे दोषों से मुक्ति पाने के लिए काफी शुभ माना जाता है। आज यानी की 29 मार्च दोपहर 02:20 मिनट से साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है, जोकि शाम 06:16 मिनट पर समाप्त होगा। तो ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के दौरान किन कामों को करने से बचना चाहिए औऱ कौन से काम करना शुभ माना जाता है।

भूलकर भी न करें ये काम

इस दिन जानवरों को भूलकर भी कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए। 

इस दिन बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें, वरना जातक पर शनिदेव का प्रकोप बढ़ सकता है।

सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या पर चोरी, नशा और बुरे कर्म नहीं करने चाहिए।

सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। इसलिए इस दिन मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।

ग्रहण काल के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, इसलिए भगवान की मूर्ति नहीं छूनी चाहिए।

शनि अमावस्या के मौके पर दाढ़ी, बाल औक नाखून आदि नहीं काटने चाहिए। इससे व्यक्ति को शनिदोष लगता है।

ग्रहण काल और शनि अमावस्या पर तामसिक चीजों से दूरी बनाकर रखना चाहिए।

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सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम

शनि अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान-दान करना शुभ माना जाता है।

शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के मौके पर गरीबों और जरूरतमंदों को दान जरूर दें।

शनिदेव और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

ग्रहण काल खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करना चाहिए।

ग्रहण के बाद पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान जरूर करना चाहिए।

शनि अमावस्या पर शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

वहीं इस दिन शनि देव को सरसों का तेल और काला तिल अर्पित करना शुभ और विशेष फलदाई माना जाता है।

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