Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में स्नान करने से पहले गृहस्थ लोगों को ये नियम पता होने चाहिए, जानें शाही स्नान की तिथियां
महाकुंभ 2025 की तैयारी संगम नगरी प्रयागराज में चल रहा है। अब महाकुंभ प्रारंभ होने में कुछ ही दिन रह गए हैं। 13 जनवरी से महाकुंभ का अमृत स्नान शुरु होगा। इस बार महाकुंभ 45 दिनों तक चलेंगा और 6 शाही स्नान है। ऐसे में गृहस्थ लोगों को अमृत स्नान करने से पहले इन नियमों का पता होना बेहद जरुरी है। चलिए आपको इन नियमों के बारे में बताते हैं।
जल्द ही कुंभ का आरंभ होने जा रहा है। महाकुंभ का स्नान 13 जनवरी को शुरु होने जा रहा है और यह 26 फरवरी तक चलेगा। जब कुंभ लगता है तो हजारों साधु-संत और श्रृद्धालु प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। महाकुंभ के अमृत स्नान 6 पड़ रहे हैं। महाकुंभ का अमृत स्नान सबसे पहले साधु-संत करते हैं, इसके बाद श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। ऐसे में गृहस्थ लोग अगर महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं, तो किन नियमों का पालन करने से शुभ परिणाम मिल सकता है।
गृहस्थ लोग महाकुंभ के दौरान इन नियमों का पालन करें
- महाकुंभ में सबसे पहले नागा साधुओं को सबसे पहले स्नान करने का विशेष अधिकार प्राप्त है। यह परंपरा लंबे समय से चलती आ रही है। नागा साधुओं को भगवान शिव के परम भक्त माना जाता है और उनकी तपस्या और साधना के कारण उन्हें यह सम्मान दिया जाता है। इसी वजह से नागा साधुओं को शाही स्नान करना जरुरी माना जाता है।
- अगर आप महाकुंभ में स्नान कर रहे हैं और आप शादीशुदा है, तो 5 बार डुबकी लगाएं। 5 डुबकी लगाने से ही स्नान पूरा माना जाता है।
- कुंभ मेला के पवित्र स्नान के पुण्य को और अधिक बढ़ाने के लिए, प्रयागराज में स्थित लेटे हुए हनुमान जी या नागावासुकी मंदिर में दर्शन करने जरुर जाएं। माना जाता है कि इन मंदिरों के दर्शन के बिना भक्तों की धार्मिक यात्रा अधूरी मानी जाती है।
महाकुंभ शाही स्नान की तिथियां
-13 जनवरी 2025 - पौष पूर्णिमा
-14 जनवरी 2025 - मकर संक्रांति
-29 जनवरी 2025 - मौनी अमावस्या
-3 फरवरी 2025 - वसंत पंचमी
-12 फरवरी 2025 - माघ पूर्णिमा
-26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि पर्व
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