Diwali के बाद उपयोग में लगाए गए दियों का करें ये काम, घर में नहीं होगी सुख समृद्धि की कमी
अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी धरती पर गणेश जी के साथ आती हैं और पूरी पृथ्वी का भ्रमण करती है। इस दौरान लोग घरों में रोशनी कर और स्वच्छता रख मां लक्ष्मी का स्वागत करते है। कहा जाता है कि लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है।
हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली 12 नवंबर को मनाई जा चुकी है, जब पूरे देश भर में खास उत्साह देखने को मिला था। कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। पांच दिनों के इस त्योहार का हर दिन काफी खास होता है।
अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी धरती पर गणेश जी के साथ आती हैं और पूरी पृथ्वी का भ्रमण करती है। इस दौरान लोग घरों में रोशनी कर और स्वच्छता रख मां लक्ष्मी का स्वागत करते है। कहा जाता है कि लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है। इस दिन मां लक्ष्मी के आगमन पर उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त कई उपाय भी करते है। इस दौरान घरों को बेहद सुंदर रोशनी से सजाया जाता है। रोशनी करने के लिए लोग दीयों का भी उपयोग करते है।
हालांकि दीयों को जलाने के बाद उनका क्या करना चाहिए इसे लेकर लोगों में काफी शंका है। आपको बताते हैं कि दीयों को जलाने के बाद उन दीयों का क्या करना चाहिए। दीवाली के मौके पर दीयों का उपयोग करना सबसे अहम और उपयोगी होता है। मगर दीयों को जलाने के बाद उनको हटाना किस तरह से चाहिए ये भी जानना जरुरी है।
दरअसल दीवाली के बाद दीये का उपाय करने से घर से नकारात्मक शक्तियों को खत्म किया जाता है। दिवाली के बाद जलाए गए दीयों में से पांच दीयों को घर में रखना चाहिए। अन्य दीयों को बच्चों में बांट देना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है। किसी व्यक्ति के जीनव में कोई संकट या दुख आ रहा है तो वो दूर होता है।
इसके अलावा अन्य उपाय भी है जो दीयों को लेकर किया जा सकता है। इसमें जलाए गए दीयों को नदी या बहते हुए जल में प्रवाहित कर सकते है। कई लोग इन दीयों को घर में रख लेते हैं मगर ऐसा नहीं करना चाहिए। उपयोग किए गए दीयों को नदी में प्रवाहित करना चाहिए। घर में पुराने दीयों के रहने से घर में नकारात्मकता का वास होता है। घर की सुख शांति दूर होती है।
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