पड़ोस के पलटूराम फिर पटलने को तैयार, आधी रात को हुई सीक्रेट मीटिंग के बाद क्या गिर जाएगी प्रचंड सरकार?

Prachanda
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अभिनय आकाश । Jul 2 2024 1:03PM

ओली को नेपाल की राजनीति में 'पलटूराम' के नाम से जाना जाता है। उनकी छवि ऐसी है कि नेपाल की राजनीति में ओली पर कोई भरोसा नहीं कर सकता।

नेपाल में एक और अभूतपूर्व मोड़ में दो सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल को हटाने के लिए एक नया गठबंधन बनाने के लिए आधी रात को समझौता किया है। दोनों पार्टियों के नेताओं के हवाले से रिपोर्ट के मुताबिक 'प्रचंड' सत्ता से बाहर हो गए हैं। यह घटनाक्रम प्रचंड द्वारा चौथी बार विश्वास मत जीतने के ठीक एक महीने बाद घटित हुआ है। समझौते पर आधी रात को नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष और पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने ओली डेढ़ साल तक सरकार का नेतृत्व करेंगे, जिसके बाद वह अगले चुनाव तक शेष 1.5 साल के लिए देउबा को सत्ता हस्तांतरित करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने खड़ा किया है। ओली को नेपाल की राजनीति में 'पलटूराम' के नाम से जाना जाता है। उनकी छवि ऐसी है कि नेपाल की राजनीति में ओली पर कोई भरोसा नहीं कर सकता।

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78 वर्षीय देउबा और 72 वर्षीय ओली ने दोनों पार्टियों के बीच संभावित नए राजनीतिक गठबंधन के लिए जमीन तैयार करने के लिए शनिवार को मुलाकात की, जिसके बाद ओली की सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने के बमुश्किल चार महीने बाद उसके साथ अपना संबंध समाप्त कर लिया। दोनों नेता नई सरकार बनाने, संविधान में संशोधन करने और सत्ता-साझाकरण फॉर्मूला तैयार करने पर सहमत हुए। इसके अतिरिक्त, नेपाल सरकार में सीपीएन-यूएमएल के आठ मंत्री सत्तारूढ़ गठबंधन में आधी रात के बदलाव के बाद अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। सीपीएन-यूएमएल के मुख्य सचेतक महेश बारटौला ने बताया।

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हमारे मंत्री आज ही प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री भी जल्द ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। शाम तक नई सरकार बनने की उम्मीद है। राजनीतिक रूप से नाजुक हिमालयी राष्ट्र में एक नई 'राष्ट्रीय सर्वसम्मति सरकार' बनाने के लिए आधी रात को हुए समझौते का उद्देश्य प्रचंड को सत्ता से बाहर करना था। समझौते के तहत ओली डेढ़ साल के लिए नई 'राष्ट्रीय सर्वसम्मति सरकार' का नेतृत्व करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट में नेपाली कांग्रेस के एक नेता के हवाले से कहा गया है कि देउबा शेष कार्यकाल के लिए प्रधान मंत्री होंगे।

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