Pakistan में पेट्रोल-डीजल-केरोसीन गरीबों की पहुँच से दूर, वित्त मंत्री डार ने कहा- देश अब अल्लाह के भरोसे
हम आपको बता दें कि इस वृद्धि के साथ ही पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 249.80 रुपये प्रति लीटर, हाई-स्पीड डीजल की कीमत 262.80 रुपये प्रति लीटर, मिट्टी के तेल की कीमत 189.83 रुपये प्रति लीटर और हल्के डीजल की कीमत 187 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35-35 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है जिससे पाकिस्तान में संकट गहरा गया है। इस बीच वहां की सरकार ने भी कह दिया है कि देश अब अल्लाह के भरोसे ही रह गया है। पाकिस्तान में आटा नहीं है, बिजली नहीं है और अब पेट्रोल-डीजल-केरोसीन भी आम जनता की पहुँच से दूर हो गया है जिससे बेहद गरीबों के लिए भुखमरी जैसी नौबत आ गयी है। पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाये जाने से पहले से ही महंगाई से जूझ रही जनता को अब तक का सबसे तेज झटका लगा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने रविवार सुबह टीवी पर जनता को संबोधित करते हुए जब दाम बढ़ाये जाने की घोषणा की तो पूरे पाकिस्तान में जैसे हाहाकार ही मच गया। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा, ‘‘हमने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35-35 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने का फैसला किया है। केरोसिन तेल और हल्के डीजल तेल की कीमतों में भी 18-18 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।’’
हम आपको बता दें कि इस वृद्धि के साथ ही पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 249.80 रुपये प्रति लीटर, हाई-स्पीड डीजल की कीमत 262.80 रुपये प्रति लीटर, मिट्टी के तेल की कीमत 189.83 रुपये प्रति लीटर और हल्के डीजल की कीमत 187 रुपये प्रति लीटर हो गई है। कीमत बढ़ने से पहले पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इस बीच, पहले ही खाद्य संकट से जूझ रही और बिजली गुल होने से अंधेरे में रहने को मजबूर पाकिस्तानी जनता पेट्रोलियम पदार्थों में इस वृद्धि के चलते पाकिस्तान सरकार को और कोसने लग गयी है। जनता का कहना है कि सरकार और सेना के लोग अपना घर भरने में लगे हैं और जनता त्राहिमाम कर रही है। इस बीच, पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी तेज हो गये हैं।
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हम आपको बता दें कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनकी पार्टी की अगुआई वाला सत्तारुढ़ गठबंधन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की कठिन शर्तों को मानने के लिए तैयार हो गया है, ताकि पाकिस्तान के लिए स्वीकृत राहत पैकेज बहाल किया जा सके। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का क्या हाल है, यह इसी से परिलक्षित होता है कि गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा है कि इस्लाम के नाम पर बनाए गए इस इकलौते देश की समृद्धि एवं विकास के लिए अल्लाह ही जिम्मेदार हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री का कहना है कि "मेरे यकीन का कारण यह है कि पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बना था। अगर अल्लाह पाकिस्तान बना सकते हैं तो वह इसकी तरक्की और विकास के साथ इसे अमीर भी बना सकते हैं।" हम आपको बता दें कि विदेशी मुद्रा के अभाव में पाकिस्तान के सामने जरूरी चीजों की खरीद के लिए भी भुगतान करने लायक मुद्रा नहीं रह गई है। इस समस्या से निपटने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष समेत कई संस्थानों से आर्थिक पैकेज की तलाश में है।
इस बीच, नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के साथ अपनी महत्वपूर्ण वार्ता से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने इसके बजटीय अनुमानों में 2,000 अरब रुपये का उल्लंघन पाया है। आईएमएफ के शुरुआती आकलन के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के बजटीय अनुमानों में 2,000 अरब रुपये से अधिक का उल्लंघन पाया गया है, जिसके चलते इस देश का बजट घाटा और बढ़ सकता है। हम आपको बता दें कि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारी विस्तारित कोष सुविधा के तहत नौवीं समीक्षा के लिए मंगलवार से बातचीत शुरू करने वाले हैं। इस दौरान राजकोषीय फिसलन और वित्तीय आंकड़ों का मिलान पर मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी। समीक्षा के बाद पाकिस्तान को धन की अगली किश्त जारी की जाएगी, जो सितंबर से ही लंबित पड़ा हुआ है।
इस बीच समाचार पत्र 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में केवल 5.6 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज मिला है, जो सालाना बजट अनुमान का एक चौथाई हिस्सा है। रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक मामलों के मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चला कि जुलाई से दिसंबर 2022 तक विदेश से मिला ऋण केवल 5.6 अरब डॉलर था। यह राशि इस अवधि में चुकाए जाने वाले विदेशी ऋण के बराबर भी नहीं है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार को गंभीर नुकसान हुआ।
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