Prabhasakshi Exclusive: Ukraine के जरिये Russia की हेकड़ी निकालने में जुटे NATO को भारी पड़ सकता है Putin का गुस्सा

Vladimir Putin
ANI

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जिस तरह वोलोदमीर जेलेंस्की विदेशी दौरों के जरिये मदद एकत्रित करने और अपने सैनिकों को विदेशों में प्रशिक्षण दिलवाने के अभियान पर लगे हुए थे उससे लगता है कि यूक्रेन ने रूस पर बड़े पलटवार से पहले पूरी तैयारी कर ली है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से हमने जानना चाहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध गंभीर रूप लेता जा रहा है क्योंकि हमले अब मास्को तक पहुँचने लग गये हैं। इसे कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध सचमुच अब गंभीर रूप लेता जा रहा है क्योंकि रूस किसी भी कीमत पर यह बर्दाश्त नहीं करेगा कि विरोधी के ड्रोन मास्को या अन्य किसी रूसी इलाके तक पहुँचें और नुकसान पहुँचाएं। यूक्रेन अब जिस तरह से युद्ध को संचालित कर रहा है उससे व्यक्तिगत तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गयी है। क्योंकि रूस पर होने वाला हर हमला या पलटवार पुतिन की शक्ति को चुनौती होता है। पुतिन इस बात को समझ रहे है कि यूक्रेन के कंधे पर बंदूक रखकर अमेरिका और नाटो रूस पर हमला कर रहे हैं। पुतिन यह समझ रहे हैं कि यदि वह यह युद्ध हारे तो इतिहास उन्हें एक हारे हुए शासक के तौर पर याद करेगा। इसलिए वह इस युद्ध को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। यूक्रेन डाल डाल है तो रूस पात पात है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वैसे हाल में जिस तरह यूक्रेन लगभग शांत बैठा था और उसके राष्ट्रपति वोलोदमीर जेलेंस्की विदेशी दौरों के जरिये मदद एकत्रित करने और अपने सैनिकों को विदेशों में प्रशिक्षण दिलवाने के अभियान पर लगे हुए थे उससे लगता है कि यूक्रेन ने रूस पर बड़े पलटवार से पहले पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन यहां खतरा परमाणु बम को लेकर है। दुनिया को डर है कि कहीं पुतिन एक बार में युद्ध खत्म करने के लिए परमाणु हमला ना कर दें इसलिए संयुक्त राष्ट्र परमाणु प्रमुख ने रूस और यूक्रेन से परमाणु संयंत्रों पर हमला प्रतिबंधित करने की भी अपील की है।

उन्होंने कहा कि देखा जाये तो यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के समाधान की अभी उम्मीद करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि वर्तमान में अनाज गलियारे, परमाणु मुद्दों और युद्ध बंदियों के आदान-प्रदान से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। रूस जिस प्रकार कीव पर हमला कर रहा है वह दर्शा रहा है कि यूक्रेन ने ज्यादा चुनौती पेश की तो पुतिन अपनी साख बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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