करीबी सहयोगियों के लिए आरक्षित रक्षा तकनीक भारत को देगा अमेरिका
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका भारत को उस प्रकार की रक्षा तकनीक प्रदान करने का इच्छुक है जिसे वह आम तौर पर अपने निकट सहयोगियों के लिए रिजर्व रखता है।
वाशिंगटन। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका भारत को उस प्रकार की रक्षा तकनीक प्रदान करने का इच्छुक है जिसे वह आम तौर पर अपने निकट सहयोगियों के लिए रिजर्व रखता है। इससे ट्रंप प्रशासन के द्विपक्षीय रक्षा संबंधो को मजबूत बनाने के संकल्प की झलक दिखाई देती है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी हांलाकि उन रिपोर्टों की पुष्टि करने से बचते दिखाई दिए कि रक्षा मंत्रालय ने भारत को 22 गार्डियन ड्रोन बेचने को मंजूरी दे दी है।
अधिकारी ने कहा, 'वास्तव में हम संभावित अथवा लंबित हथियार डील के बारे में तब तक कुछ नहीं कह सकते जब तक कि इसे कांग्रेस के समक्ष अधिसूचित नहीं किया जाए।' उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं केवल इतना कह सकता हूं रक्षा संबंध बेहद अहम हैं। अमेरिका उस आधुनिक तकनीक को आगे उपलब्द्ध कराने का रूझान रखता है जिस प्रकार की तकनीक वह केवल अपने प्रमुख साझेदारों और सहयोगियों को मुहैया कराता है।' माना जा रहा है कि अगले सप्ताह मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान रक्षा अहम एजेंडा हो सकता है। उन्होंने कहा, 'हम बेहद सार्थक यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं। जिस प्रकार की बिक्री की हम बात कर रहे हैं वह सामरिक साझेदारी के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग करने और दोनों देशों के हितों को साधने के लिए अहम है।'
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