इमरान बार-बार दोहरा रहे एक ही बात, अब डिबेट का वीडियो साझा कर बोले- US चाहता था एक कठपुतली प्रधानमंत्री
इमरान खाने ने वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया कि अगर किसी को अमेरिकी शासन परिवर्तन की साजिश के बारे में कोई संदेह था तो इस वीडियो से सभी संदेहों को दूर करना चाहिए कि लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को क्यों हटाया गया। अमेरिका प्रधानमंत्री के रूप में एक आज्ञाकारी कठपुतली चाहता है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से सरकार गिराये जाने के पीछे अमेरिकी साजिश होने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने एक डिबेट का वीडियो भी साझा किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को सत्ता परिवर्तन के पीछे अमेरिकी साजिश पर कोई संदेह था तो इस वीडियो से सभी संदेह दूर हो जाएंगे।
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इमरान खाने ने वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया कि अगर किसी को अमेरिकी शासन परिवर्तन की साजिश के बारे में कोई संदेह था तो इस वीडियो से सभी संदेहों को दूर करना चाहिए कि लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को क्यों हटाया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका प्रधानमंत्री के रूप में एक आज्ञाकारी कठपुतली चाहता है जो एक यूरोपीय युद्ध में पाकिस्तान को तटस्थता के विकल्प की अनुमति नहीं देगा।
If anyone had any doubts abt US regime change conspiracy this video should remove all doubts as to why a democratically elected PM & his govt were removed. Clearly the US wants an obedient puppet as PM who will not allow Pak choice of neutrality in a European war; pic.twitter.com/rqFW8yQRvZ
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) May 2, 2022
इससे पहले ही इमरान खान ने कई बार सत्ता परिवर्तन के पीछे अमेरिकी साजिश का हवाला दिया है। हालांकि पाकिस्तानी सेना ने उनके दावे की पोल भी खोल दी थी। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान कहा था कि इमरान खान सरकार को गिराने में अमेरिका के शामिल होने या धमकी के कोई सबूत नहीं हैं।
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सरकार बचा नहीं पाए इमरान खान
इमऱान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिसको लेकर भारी हंगामा हुआ था और डिप्टी स्पीकर ने संविधान के एक अनुच्छेद का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके बाद नेशनल असेंबली को भी भंग कर दिया गया था और बात चुनावों तक पहुंच गई थी। जिसके बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक करार दिया और फिर नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद इमरान खान सरकार गिर गई।
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