अमेरिकी सैनिक गुप्त रूप से ताइवान सुरक्षा बलों को दे रहा प्रशिक्षण
यह गोपनीय रिपोर्ट सामने तब आई जब ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने चीन को बड़ी चेतावनी जारी की थी।राष्ट्रपति वेन के फॉरेन अफेयर्स पत्रिका में छपी एक खबर में चीन को साफ चेतावनी दी गई थी कि, अगर चीन ने हमला करने की कोशिश की तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
एक हालिया मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, अमेरिका एक साल से गुप्त रूप से ताइवान में सैन्य बलों को प्रशिक्षण दे रहा है। बता दें कि चीन के साथ तनातनी के बीच अमेरिका का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार अमेरिकी सैन्य बलों की लगभग दो दर्जन टुकड़ी अब ताइवान के सैन्य बलों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि, प्रशिक्षकों को पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ताइवान भेजा था लेकिन इस गोपनियता की सूचना जारी नहीं की गई थी।
कब आई सामने यह रिपोर्ट
यह गोपनीय रिपोर्ट सामने तब आई जब ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने चीन को बड़ी चेतावनी जारी की थी।राष्ट्रपति वेन के फॉरेन अफेयर्स पत्रिका में छपी एक खबर में चीन को साफ चेतावनी दी गई थी कि, अगर चीन ने हमला करने की कोशिश की तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
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ताइवन ने चेतावनी देते हुए आगे कहा कि, अगर चीन अपने लड़ाकू विमानों की घुसपैठ से आइलैंड पर कब्जा करने पर कामयाब हुआ तो इससे क्षेत्रीय शांति के लिए विनाशकारी परिणाम हा सकता है। ताइवान ने साथ ही यह भी कहा कि, यह देश युद्ध जैसी स्थिति और ना ही सैन्य टकराव चाहता है लेकिन अपने देश को बचाने के लिए जो भी करना पड़ जाए, करेंगे और कोई भी बड़ी कारवाई करने से पहले रूकेंगे नहीं। ताइवान के राष्ट्रपति का बयान ऐसे समय पर आया है जब चीन ताइवान पर भारी दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। उल्लेखनीय है कि चीन बहुत पहले से ही ताइवान को अपना हिस्सा बता रहा है। वहीं ताइवान अपने आपको स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश मानता है। साल 1979 के बाद से अमेरिका ने चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किया था।
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