जिन अफगानियों ने की थी अमेरिका की मदद, तालिबान को मिली उनके नामों की सूची

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मीडिया रिपोर्ट 'पोलिटिको' के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने आतंकवादी समूह को अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों और अफगान सहयोगियों के नामों की सूची सौंप दी ताकि उन्हें काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास तालिबान नियंत्रित इलाके में प्रवेश की अनुमति दी जाए।

काबुल। अफगानिस्तान के हालात किसी से भी छिपे नहीं हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावों से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को निकालने की बात जरूर कही थी मगर उन्होंने वहां से सैनिकों बुलाने का निर्णय नहीं लिया था लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन के अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के निर्णय के साथ अफगानिस्तान में तालिबानियों का हौसला बुंलद हो गया था और अभी की स्थिति से हर कोई वाकिफ है। बीते दिनों काबुल में आत्मघाती हमला हुआ जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 

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अमेरिका ने तालिबान को सौंपी हत्या सूची

आखिरी अमेरिका चाहता क्या है ? यह सवाल अपने आप में अहम है क्योंकि अफगानिस्तान में अमेरिका के अधिकारियों ने तालिबान को उन अफगान नागरिकों को निशाना बनाने के लिए ‘हत्या सूची’ सौंप दी है जिन्होंने देश में अमेरिकी बलों की सहायता की थी।

मीडिया रिपोर्ट 'पोलिटिको' के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने आतंकवादी समूह को अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों और अफगान सहयोगियों के नामों की सूची सौंप दी ताकि उन्हें काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास तालिबान नियंत्रित इलाके में प्रवेश की अनुमति दी जाए।

तालिबान ने की थी बर्बरता से हत्या

यह किसी से भी नहीं छिपा है कि तालिबान ने किस तरह से अफगानियों की हत्या की थी। इसके बावजूद अमेरिका ने ऐसा कदम उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया कि तालिबान द्वारा देश पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में मची अफरा-तफरी के बीच हजारों नागरिकों को बाहर निकालने के बीच यह कदम उठाया गया। हालांकि इसे तालिबान के प्रति एक भरोसे के तौर पर भी देखा जा सकता है। 

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एक सैन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मूलत: वे उन सभी अफगानों को हत्या की सूची में रखना चाहते हैं। यह निराशाजनक एवं दुखदायी है। वहीं इस विषय पर राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि इस तरह की कोई सूची है लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया कि अमेरिका कभी-कभी तालिबान को ऐसे नामों की सूची देता है।

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