अमेरिका ने पाकिस्तान को दी सलाह, FATF की 27 सूत्री कार्य योजना को तेजी से करे पूरा
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम पाकिस्तान के उन (प्रथम कार्य योजना) दायित्वों को पूरा करने के निरंतर प्रयास का समर्थन करते हैं।
वाशिंगटन। अमेरिका ने पाकिस्तान से आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों के सरगना और कमांडरों के खिलाफ मुकदमा चलाकर वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की 27 सूत्री कार्य योजना ‘‘तेजी से पूरा’’ करने की अपील की। एफएटीएफ ने पिछले महीने एक ऑनलाइन बैठक में आतंकवाद का वित्त पोषण करने वाले धन शोधन पर लगाम लगाने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में कायम रखा था। उसने पाकिस्तान से उसकी सरजमीं पर मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों के खिलाफ जांच करने और मुकदमा चलाने को भी कहा था। विश्व संस्था ने पाकिस्तान से धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण के मामलों से भी रणनीतिक रूप से निपटने को कहा था।
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अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम पाकिस्तान के उन (प्रथम कार्य योजना) दायित्वों को पूरा करने के निरंतर प्रयास का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान ने अपनी पहली कार्य योजना पर महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें 27 में से 26 पर उसने बड़े पैमाने पर काम किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान से एफएटीएफ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करते हुए आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों के सरगना तथा कमांडरों के खिलाफ मुकदमा चला बाकी कार्य भी तेजी से पूरे करने की अपील करते हैं।’’
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प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान को अपनी नई दूसरी कार्य योजना पर तेजी से काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में डाला था और अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्य योजना दी थी। तब से देश एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल रहने के कारण इस सूची में बना हुआ है। एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना 1989 में धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए उत्पन्न अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए की गई थी।
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