Prabhasakshi Exclusive: अचानक से ऐसा क्या हो गया कि यूक्रेनी सैनिक Russia में घुस कर Putin के सैनिकों को मार रहे हैं?
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इस सप्ताह मंगलवार की सुबह यूक्रेनी सेनाएं सीमा पार कर लड़ीं और 5,000 लोगों की आबादी वाले सुद्ज़ा शहर के पास पहुंच गईं, जिसके मुख्य चौराहे पर अभी भी सोवियत संघ के संस्थापक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति लगी हुई है।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि यूक्रेन ने रूस के एक क्षेत्र में बड़ी घुसपैठ की है और वहां दोनों सेनाओं के बीच लड़ाई जारी है। यह यूक्रेन की ओर से तीसरे साल में पहली ऐसी आक्रामकता है। इसे कैसे देखते हैं आप? इसके अलावा यूक्रेन के पास अब एफ-16 विमान आ गये हैं। इससे रूस के साथ उसके युद्ध में क्या परिवर्तन आ सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सैनिकों ने पश्चिमी रूस में प्रवेश किया है जिसने मॉस्को को हतप्रभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह रूस की कमजोर सीमा सुरक्षा को भी दर्शाता है और इससे यूरोप को प्राकृतिक गैस आपूर्ति को झटका लग सकता है। उन्होंने कहा कि रूसी अधिकारियों, यूक्रेनी सैनिकों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कीव ने इस सप्ताह मंगलवार को बख्तरबंद वाहनों, तोपों और ड्रोन के साथ सैंकड़ों सैनिकों को कुर्स्क क्षेत्र में भेजा था। उन्होंने कहा कि यह छापेमारी यूक्रेन के लिए लड़ने वाले रूसी नागरिकों के कई प्रयासों के बाद संभव हो पाई है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इस सप्ताह मंगलवार की सुबह यूक्रेनी सेनाएं सीमा पार कर लड़ीं और 5,000 लोगों की आबादी वाले सुद्ज़ा शहर के पास पहुंच गईं, जिसके मुख्य चौराहे पर अभी भी सोवियत संघ के संस्थापक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सुद्ज़ा एकमात्र पंपिंग स्टेशन है जो यूरोप में रूसी प्राकृतिक गैस पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि युद्ध के बावजूद, यूक्रेन अभी भी अपनी सोवियत काल की गैस पाइपलाइन को रूस की गैस एकाधिकार कंपनी गज़प्रॉम को प्रति वर्ष $ 2 बिलियन के हिसाब से किराए पर देता है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा लगता है कि यूरोपीय संघ को रूस की प्राकृतिक गैस की आपूर्ति रुकने का खतरा है। उन्होंने कहा कि कुर्स्क परमाणु ऊर्जा स्टेशन, दुनिया के सबसे पुराने में से एक है जोकि सुद्ज़ा से लगभग 70 किमी पूर्व में कुरचटोव शहर में स्थित है। उन्होंने कहा कि कुरचटोव में यूक्रेनी ड्रोन देखे गए हैं और कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि कीव रूसी ऊर्जा प्रणाली को उसी तरह अस्थिर करना चाहता है जिस तरह से मास्को ने यूक्रेनी बिजली स्टेशनों और उसके ऊर्जा ग्रिड को लक्षित किया है।
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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि रूसी अधिकारियों और मीडिया ने बताया है कि बुधवार दोपहर तक यूक्रेनियों ने सुद्ज़ा को घेर लिया था और उन्होंने तीन गांवों पर कब्ज़ा कर लिया और 10 और गांवों के पास देखे गए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसको "कीव शासन द्वारा पूर्ण पैमाने पर उकसावे की कार्रवाई" बताया है और यूक्रेनी सैनिकों पर आवासीय क्षेत्रों और नागरिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कीव में अधिकारियों ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यूक्रेनी रिपोर्टों में रूसी पक्ष को भारी नुकसान का दावा किया गया है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि यूक्रेनी सेना ने एक चारदीवारी वाले रूढ़िवादी मठ में छिपे रूसी सैनिकों के एक समूह को मार डाला, एक Ka-52 हेलीकॉप्टर को मार गिराया और दो टैंकों को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कम से कम तीन रूसी सैनिकों को यूक्रेन ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि वे सिपाही थे जिन्हें सीमा पर भेजे जाने से पहले अधूरा प्रशिक्षण दिया गया था।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हालांकि यूक्रेन का यह हमला अप्रत्याशित है, लेकिन इसका ज्यादा रणनीतिक महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सैनिकों के लिए यह हमला जनता को खुश करने के लिए "ध्यान भटकाने" के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बीच, रूसी सेना धीरे-धीरे डोनेट्स्क के पूर्वी क्षेत्र में आगे बढ़ी रही है। उन्होंने कहा कि जहां तक यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान मिलने की बात है तो मुझे नहीं लगता कि इससे युद्ध के परिदृश्य में कोई ज्यादा बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि रूस तो चाह ही रहा है कि वह अमेरिका के एफ-16 विमान को मार गिराये।
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