Prabhasakshi Exclusive: Iran ने धमकी और चेतावनी तो बहुत दी, मगर Israel पर हमला करने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा पा रहा?

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ईरानियों ने कहा है कि वे जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने इस सप्ताह कहा था कि क्षेत्रीय स्थिरता केवल आक्रामक को दंडित करने और इज़राइल के दुस्साहस के खिलाफ प्रतिरोध पैदा करने से ही आ सकती है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की जो आशंका जताई जा रही थी उस पर क्या ताजा अपडेट है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ईरान ने इजराइल पर हमले के लिए प्रचार तो जोरशोर से किया था लेकिन वह हिम्मत नहीं दिखा पाया क्योंकि इजराइल के पास एक तो अमेरिका का सुरक्षा कवच है। दूसरा ईरान को पता है कि यदि उसने इजराइल को हाथ भी लगाया तो उस पर दोतरफा वार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि ईरान चुप बैठ जायेगा इसके आसार कम हैं लेकिन वह सीधा हमला करने से बचना चाहेगा।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि तेहरान में हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनियेह की हत्या के साथ-साथ बेरूत में प्रमुख हिजबुल्लाह नेता फुआद शुक्र की हत्या ने पूरे मध्य पूर्व में सदमे की लहर पैदा कर दी है इसलिए ईरान पर दबाव बढ़ गया है कि वह इजराइल को जवाब दे। उन्होंने कहा कि लेकिन सभी को आशंका है कि इससे क्षेत्रीय युद्ध शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि व्यापक रूप से माना जाता है कि इज़राइल ने हनियेह की हत्या को अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गाजा पर विनाशकारी हमलों में लगभग 40,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि हनियेह और शुक्र को मारे हुए अब लगभग एक सप्ताह हो गया है, लेकिन अभी तक इज़राइल पर कोई बड़ा हमला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि राजनयिक किसी भी तनाव को रोकने के प्रयास में क्षेत्र के चारों ओर घूम रहे हैं।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह भी खबर है कि ईरानियों ने जोर देकर कहा है कि वे जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने इस सप्ताह कहा था कि क्षेत्रीय स्थिरता केवल आक्रामक को दंडित करने और इज़राइल के दुस्साहस के खिलाफ प्रतिरोध पैदा करने से ही आ सकती है। उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि यह प्रतिक्रिया क्या रूप लेगी? उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि हनियेह की हत्या ने पिछले अक्टूबर के बाद से तनाव को अपने उच्चतम बिंदु पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि हनियेह की हत्या से 24 घंटे से भी कम समय पहले इज़राइल ने हिज़्बुल्लाह के सशस्त्र विंग के संस्थापक सदस्य फुआद शुक्र और बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में कम से कम पांच नागरिकों को मार डाला था। उन्होंने कहा कि इज़राइल ने अपने कब्जे वाले गोलान हाइट्स में हमले के लिए शुक्र को दोषी ठहराया है जिसमें 12 बच्चे और युवा लोग मारे गए थे।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हमें यह भी समझना होगा कि इज़राइल ने हनीयेह की हत्या पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने कहा कि हालांकि हत्या के अगले दिन, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरानी प्रतिक्रिया की संभावना को स्वीकार करते हुए एक भाषण दिया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ईरान शायद इजराइल पर हमले के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहा है। 

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