ऐतिहासिक व्यापार समझौते के बावजूद ट्रंप चीन के सामानों पर से शुल्क नहीं हटाएगा
अमेरिका ने बुधवार को चीन के साथ पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये। प ने व्हाइट हाउस में ऐतिहासिक हस्ताक्षर समारोह में कहा कि वह दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते के दूसरे चरण पर हस्ताक्षर होने के बाद ही शुल्क वापस लेंगे। ट्रंप ने कहा कि वह शुल्क को लेकर अपनी नीतियां जारी रखेंगे।
वाशिंगटन। अमेरिका ने बुधवार को चीन के साथ पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक बताया है। करीब एक साल की बातचीत और महीनों तक वार्ता बंद रखने के बाद अंतत: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने अपने युद्ध व्यापार से आगे बढ़कर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिये है।
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— Dan Scavino Jr.🇺🇸 (@Scavino45) January 15, 2020
पहले चरण के समझौते में बौद्धिक संपदा संरक्षा और प्रवर्तन, जबरन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को खत्म करना, अमेरिकी कृषि के अभूतपूर्व विस्तार, अमेरिकी वित्तीय सेवाओं से अवरोध हटाना, मुद्रा के साथ छेड़छाड़ (जैसे अवमूल्यन आदि) खत्म करना, अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों को पुन:संतुलित करना और समस्याओं का प्रभावी समाधान निकालना शामिल है। इस समझौते पर राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के उपप्रधानमंत्री लियू हे ने हस्ताक्षर किए।
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— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 16, 2020
लेकिन व्यापार समझौते के प्राथमिक चरण पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद भी चीन के सामानों पर लगे भारी-भरकम शुल्क को वापस लेने से अमेरिका ने इनकार कर दिया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में ऐतिहासिक हस्ताक्षर समारोह में कहा कि वह दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते के दूसरे चरण पर हस्ताक्षर होने के बाद ही शुल्क वापस लेंगे। इस व्यापार समझौते को राष्ट्रपति ट्रंप की सरकार की महत्वपूर्ण राजनीतिक व कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
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ट्रंप ने कहा कि वह शुल्क को लेकर अपनी नीतियां जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम शुल्क जारी रख रहे हैं, इससे लोग हैरान हैं। मैं इसे वापस लेने पर सिर्फ तभी सहमत होऊंगा जब व्यापार समझौते के दूसरे चरण पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।’’ उन्होंने इस समझौते को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिये व्यापक बदलाव बताते हुए कहा कि यह महज एक समझौते से कहीं अधिक है।
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