ट्रंप ने रोकी WHO की फंडिंग, चीन ने जताई चिंता, बिल गेट्स ने बताया खतरनाक

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अंकित सिंह । Apr 15 2020 3:40PM

डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर चिंता जताते हुए चीन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह कोरोना संकट के समय में अपने दायित्व को पूरा करें। चीन ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से डब्ल्यूएचओ की क्षमताएं कम होंगी और महामारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान कमजोर पड़ेगा।

पूरे विश्व में कोरोना महामारी बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में इसका नुकसान सबसे ज्यादा अमेरिका को हो रहा है। इस बीच अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि WHO पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए फंडिंग रोकने का निर्णय लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा कि WHO ने चीन में कोरोना वायरस की गंभीरता को छिपाते हुए इससे पूरी दुनिया में फैलने दिया। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने अपने प्रशासन को डब्ल्यूएचओ को फंडिंग रोकने के भी आदेश दिए। आपको बता दें कि कोरोनावायरस अमेरिका में भयंकर रूप धारण कर चुका है। अमेरिका में अब तक कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 600000 के पार हो गई है जबकि 25000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका का सबसे बड़ा शहर न्यू यार्क इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। न्यू यार्क में लगभग 230000 लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि 11000 के आसपास लोगों की मौत हुई है।

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अमेरिका में कोरोना के इस भयंकर महामारी के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उनकी प्रशासन की जमकर आलोचना हो रही है। यह माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में कोरोना के फैलते प्रसार को रोकने में नाकामयाब रहे। कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि अमेरिका का प्रशासन अर्थव्यवस्था को बचाने के चक्कर में समय पर लॉक डाउन का ऐलान नहीं किया। अब अपनी आलोचना को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन और WHO पर हमलावर है। कोरोना के बढ़ते प्रभाव के साथ ही अमेरिका चीन पर हमलावर रहा। डोनाल्ड ट्रंप हर रोज चीन पर गंभीर आरोप लगा रहे थे। वहीं अब उन्होंने WHO पर भी जमकर नाराजगी दिखाई है। डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि डब्ल्यूएचओ ने चीन के इस भयंकर महामारी को देर से बताया और इसे रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया। यही कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले फंड पर रोक लगा दी है।

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डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर चिंता जताते हुए चीन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह कोरोना संकट के समय में अपने दायित्व को पूरा करें। चीन ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से डब्ल्यूएचओ की क्षमताएं कम होंगी और महामारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान कमजोर पड़ेगा। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष बिल गेट्स ने अमेरिका के इस फैसले को खतरनाक बताया है। बिल गेट्स ने ट्वीट कर कहा कि इस वैश्विक महामारी के समय डब्ल्यूएचओ की फंडिंग को रोकना खतरनाक है। उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ की ओर से किए जा रहे कार्यों से कोविड-19 को फैलने से रोकने में मदद मिल रही है। आपको बता दें कि कोरोनावायरस के कहर से विश्व के लगभग सभी देश प्रभावित हैं लेकिन सबसे ज्यादा आलोचना अमेरिका की हो रही है और खास करके डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की। अमेरिका में लोग यह मान रहे हैं कि डोनल ट्रंप प्रशासन के खामी की वजह से देश में कोरोना का प्रसार हुआ।

आपको बता दें कि इसी साल अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने है। इस चुनाव बाद सत्ता वापसी के लिए डोनाल्ड ट्रंप काफी दमखम लगा रहे हैं। लेकिन कोरोना के इस कहर की वजह से सत्ता पर उनकी पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है और लोगों में उनकी छवि भी खराब होती जा रही है। यही कारण है कि वह अब यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना के प्रचार के कारणों में जो भी संस्थाएं जिम्मेदार है उसके खिलाफ वह कड़ी कार्यवाही कर रहे हैं। उदाहरण के लिए जब से कोरोना अमेरिका में पैर पसारना शुरू किया तब से वह चीन पर हमलावर है। अब जैसे ही कोरोना अमेरिका में भयंकर रूप ले चुका है तो उन्होंने WHO पर इसका ठीकरा फोड़ दिया है। लेकिन एक बात सत्य है कि अगर अमेरिका डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले फंड को रोकता है तो यह विश्व के लिए एक अच्छा संदेश नहीं होगा। ऐसे समय में जब पूरा विश्व एक भयंकर महामारी से जूझ रहा है तब ऐसे निर्णय डोनाल्ड ट्रंप की अपरिपक्वता को भी दिखाता है।

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