Kamala राष्ट्रपति, Trump उपराष्ट्रपति! डेमोक्रेट-रिपब्लिकन में टाई हुआ तो क्या ऐसे होगा फैसला?
टाई यानी कोई नतीजा न निकले और दोनों में मुकाबला बराबररी में समाप्त हो जाए। ऐसी परिस्थितियां तब बनती है जब बहुत कांटे का मुकाबला हो या फिर दो से अधिक लोगों के पास राष्ट्रपति पद के मैंडेट चले जाए। इसके अलावा एक परिस्थिति ये भी है कि कई उम्मीदवारों को इलेक्टोरल वोट्स प्राप्त हो जाए और इस स्थिति में किसी एक को बहुमत हासिल न हो। इसके अलावा जिनके हिस्से में ये दावेदारी है यानी इलेक्टर्स वो किसी को मैजॉरिटी देने से इनकार कर दें और अपनी उस उम्मीदवार के प्रति आस्था जाहिर करने से इनकार कर दें। जिसके प्रति उन्होंने पहले से शपथ लिया हो।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए आज चुनाव है। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट कैंडिडेट कमला हैरिस के बीच सीधी भिड़ंत है। ऐसे में कई मुख्य सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये है कि जिस तरह की कांटे की टक्कर दोनों ही उम्मीदवारों के प्रति दिखाई पड़ रही है, ऐसी स्थिति में क्या होगा अगर ये चुनाव टाई हो जाता है। टाई यानी कोई नतीजा न निकले और दोनों में मुकाबला बराबररी में समाप्त हो जाए। ऐसी परिस्थितियां तब बनती है जब बहुत कांटे का मुकाबला हो या फिर दो से अधिक लोगों के पास राष्ट्रपति पद के मैंडेट चले जाए। इसके अलावा एक परिस्थिति ये भी है कि कई उम्मीदवारों को इलेक्टोरल वोट्स प्राप्त हो जाए और इस स्थिति में किसी एक को बहुमत हासिल न हो। इसके अलावा जिनके हिस्से में ये दावेदारी है यानी इलेक्टर्स वो किसी को मैजॉरिटी देने से इनकार कर दें और अपनी उस उम्मीदवार के प्रति आस्था जाहिर करने से इनकार कर दें। जिसके प्रति उन्होंने पहले से शपथ लिया हो।
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अमेरिकी राष्ट्रपति के पद के लिए मौजूदा चुनाव ट्रंप और हैरिस के बीच लड़ा जा रहा है। चुनावी सर्वे में दोनों ही उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। राष्ट्रीय सर्वेक्षण में ट्रंप 0.1 प्रतिशत अंक से आगे हैं, जबकि अहम राज्यों में पूर्व राष्ट्रपति को 0.9 प्रतिशत अंकों की बढ़त हासिल है। द हिल के अनुसार, राष्ट्रपति पद की दौड़ में कड़ा मुकाबला दिख रहा है और किसी भी उम्मीदवार को स्पष्ट बढ़त मिलती नहीं दिख रही। एनबीसी न्यूज ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि हैरिस को आमने-सामने के मुकाबले में 49 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है, जबकि ट्रंप को भी इतने ही प्रतिशत यानी 49 प्रतिशत का समर्थन मिल रहा है। समाचार चैनल ने कहा कि सिर्फ दो प्रतिशत मतदाताओं का कहना है कि वे चुनाव को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में हैं।
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538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं जिसमें से 270 वोट पाने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाता है और उसकी सरकार आ जाती है। ऐसे में क्या हो जब बहुमत न हो तो। इसका तरीका अमेरिकी संविधान के मुताबिक निकाला गया है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी को वोटिंग की आम प्रक्रिया के तहत मैंडेट न मिले तो उसके लिए कंटीजेंट इलेक्शन का एक प्रावधान है। इसके जरिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है। राष्ट्रपति का चुनाव हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के जरिए होता है। सीनेट के जरिए उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना जाता है। ऐसे में ये भी हो सकता है कि अगर सीनेट में रिपब्लिकन को बहुमत नहीं है डेमोक्रेट के पास बहुमत है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव अपना पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर डेमोक्रेट को चुन लेता है तो ये भी परिस्थिति बन सकती है कि आपको राष्ट्रपति डेमोक्रेट्स का और उपराष्ट्रपति रिपब्लिकन का हो सकता है।
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